नैनीताल । जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार जोशी की अदालत ने हाईकोर्ट के एक अधिकारी के नाम पर हाईकोर्ट के व्यवस्थाधिकारी व अन्य से फर्जी व्हाट्सएप कॉल के जरिये पैंसे मांगने के दूसरे आरोपी की जमानत भी खारिज कर दी है ।

शनिवार को  दूसरे आरोपी शरीफुल आलम पुत्र यासीन हाल निवासी पारस का धागा थाना फैक्ट्री रोड पटियाला पंजाब मूल निवासी काशीपुर बिहार की जमानत अर्जी सुनवाई को पेश हुए थी । जिसका विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील शर्मा ने कोर्ट को बताया कि 25 मई को मल्लीताल कोतवाली में हाईकोर्ट के व्यवस्थाधिकारी जितेंद्र पोखरिया ने रिपोर्ट दर्ज कराई । जिसमें बताया गया कि दो अज्ञात नम्बरों से व्हाट्सएप कॉल की जा रही है । जिसमें आरोपी स्वयं को उत्तराखण्ड हाइकोर्ट का जज बता रहे हैं और हाईकोर्ट के अधिकारियों व कर्मचारियों से 10-10 हजार के अमेजन कार्ड मांगे जा रहे हैं । इस मामले की जांच में पुलिस ने दूसरे ही दिन हरियाणा के युवक राकेश कुमार व पारस धागा पटियाला पंजाब निवासी शरीफूल आलम को गिरफ्तार किया । राकेश के मोबाइल में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के एक जज के नाम से की गई व्हाट्सएप कॉल की स्क्रीन शॉट भी मिली । जिसकी जमानत पहले ही खारिज हो गई थी ।25 जून को दूसरे आरोपी शरीफुल आलम की जमानत अर्जी पर की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी के दो मोबाइल नम्बर  जिनसे फर्जी व्हाट्सएप प्रोफ़ाइल बनाये गए थे , कोर्ट में पेश किये । ये सिम बिहार से खरीदे गए थे । इन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने दूसरे आरोपी की जमानत भी खारिज कर दी ।

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