नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने बी डी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए अधिवक्ता विकास बहुगुणा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनसे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की रिपोर्ट 7 जून तक कोर्ट में पेश करने को कहा है । 7 जून को याचिका में अगली सुनवाई होगी । याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार पूर्व शिक्षक व जनहित संस्था के महासचिव अशोक साह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बी डी पांडे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है । यहां विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं । सीटी स्कैन, कार्डियो विभाग की सेवाएं नाममात्र की हैं । जो डॉक्टर अस्पताल में हैं वे नियमित समय पर उपलब्ध नहीं होते । 2-3 बजे बाद अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलते । जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद छोटी छोटी जाँचों के लिये हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है । जबकि जिले का मुख्य अस्पताल होने के कारण यहां इलाज कराने दूर दराज से मरीज आते हैं । अशोक साह ने हाईकोर्ट से इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करने की मांग की है ।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अकरम परवेज ने पैरवी की । बी डी पांडे अस्पताल की खराब स्वास्थ्य सेवाओं का हाईकोर्ट ने खुद भी स्वतः संज्ञान लेकर इसकी जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की जा रही है ।