अल्मोड़ा सेराघाट नाली पाताल बत्तेस्वर मंदिर में 11मई से कुंडली महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है । अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ के सीमांत एरिया के 111गांवो के ग्रामीणों के द्धारा इस कुंडली महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा में सहयोग किया जा रहा है।इस कुंडली महायज्ञ में 111वेदियो पर 111पडित मंत्रोच्चार करेंगे ।

निंरजनी अखाड़ा के108श्री श्री केशवा नंद गिरी महाराज के  देख रेख मे काशी के आचार्य हवन में मंत्रोचार करेंगे। महारुद्र यज्ञ के लिए अलग से समिति बनाई गई है। मंदिर समिति पंडितों, कीर्तन भजन करने व यजमानों के लिए वस्त्रधारण व नियमानुसार खाने पीने रहने, यज्ञ वेदियों का निर्माण कार्य व आस पास के गांवों के लिए प्रसार आदि की व्यवस्था कर रही है।

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इस सात दिवसीय कुंडली महायज्ञ श्रीमद् भागवत में विद्वान व पंडित, निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर कैलाश चंद्र महाराज डोल आश्रम , लमगड़ा के कल्याणिका दास, जागेश्वर से धनपति शिबिगिरी महाराज, बागेश्वर से शंकर गिरी महाराज, पूणे कोर्ट से रत्न गिरी व क्षेत्रीय पण्डित शामिल होंगे ।

इस आयोजन के दौरान रोज यूपी के पंडित नितिन भारद्वाज सुबह 11बजे तक शिव स्तुति करेंगे । दो ढाई बजे से श्रीमद् भगवत कथा प्रारम्भ होगी। मंदिर समिति के अध्यक्ष गोकुल सिंह बिष्ट ने बताया पहली बार इस शिव मंदिर में 111 कुंडीय महायज्ञ होने जा रहा है।
मान्यता है कि सदियों पहले तल्ली नाली के खेत में एक किसान हल से खेतों की जुताई कर रहा था । हल में शिव लिंग लगने से लोगों ने कई मीटर तक खुदाई की लेकिन शिव लिंग नहीं दिखाई दिया । लोगों ने उसी स्थान पर शिव लिंग की स्थापना कर दी।इसी लिए इसे पाताल बत्तेस्वर शिब मंदिर के नाम से जाना जाता है।आज भी इस शिव लिंग में हल के फाल के निशान मौजूद हैं।

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