राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में 21 तारीख को प्रदेश अध्यक्ष नन्दन बोहरा ने केवियट दायर कर दी है। 14 सितम्बर को उच्च न्यायालय नैनीताल ने इन अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति देने का आदेश दिया इस हेतु बीएड के प्रशिक्षित हाईकोर्ट नैनीताल से केस हारने के बाद इस आदेश को चैलेंज करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में चले गए हैं। एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षक भी अपने बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में केबियट लगा चुके हैं।
प्रदेश अध्यक्ष नन्दन बोहरा ने बताया कि सरकार सम्भवतया हमारे केस में एसएलपी दायर नहीं करेगी क्योंकि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुझे व्यक्तिगत फोन कर कहा है कि हम आपके लिए जल्द ही शासनादेश जारी कर देंगे सुप्रीम कोर्ट नही जाएंगे।
आपको बताते चलें कि इन प्रशिक्षितों को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में सम्मिलित किए जाने का विगत 14 सितम्बर को हाईकोर्ट नैनीताल ने आदेश जारी कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व आर.सी.खुल्बे की संयुक्त खण्ड पीठ ने इन अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए कहा कि एनआईओएस डीएलएड योग्यता धारियों को भी प्राथमिक गतिमान शिक्षक भर्ती में सम्मिलित किया जाए साथ ही दो हजार रुपए का प्रति याची को अर्थदण्ड का भुगतान भी करें लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण ये विगत एक माह से देहरादून की सड़को में अपने परिवार के साथ आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ा है ।
इनलोगों का यह भी कहना है कि बिहार, त्रिपुरा, आसाम, राजस्थान अन्य कई राज्यों में हमारे साथ के प्रशिक्षित एनआईओएस डीएलएड उपाधि धारक राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बन चुके हैं। केवल उत्तराखंड में ही इतनी देरी हो रही है। विगत वर्ष इन प्रशिक्षितों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने केस की पैरवी सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद से करवाई थी देखते हैं इस बार ये पैरवी के लिए किसे अपना अधिवक्ता नियुक्त करते हैं।