नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट से खटीमा के ब्लॉक प्रमुख रनजीत सिंह नामधारी को बड़ी राहत मिली है । हाईकोर्ट ने उन्हें निदेशक पंचायती राज द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश पर रोक लगा दी है । ब्लॉक प्रमुख को बी डी सी मेम्बर रवींद्र राणा की शिकायत पर यह नोटिस दिया गया था । ब्लॉक प्रमुख पर ब्लॉक को प्राप्त बजट को सभी क्षेत्रों में बराबर आबंटित न करने के आरोप लगाए गये थे ।
निदेशक पंचायती राज के 11 मई 2022 के आदेश को ब्लॉक प्रमुख रनजीत सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । जिसमें कहा गया कि वे कांग्रेस पार्टी से हैं और खटीमा विधान सभा सीट से मुख्यमंत्री चुनाव हार गए थे और राजनीतिक विद्वेष की भावना के कारण उन्हें पद से हटाने का कुचक्र किया गया । याचिका में कहा गया है कि वे चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और उन्हें नोटिस जारी करने का अधिकार निदेशक पंचायती राज के पास नहीं हैं । इन तर्कों के आधार पर न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने ब्लॉक प्रमुख खटीमा के खिलाफ निदेशक पंचायती राज विभाग द्वारा जारी आदेश पर रोक लगा दी है ।