नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य के डेयरी फेडरेशन की बैठक तत्काल कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एकलपीठ के फैसले पर मुहर लगाते हुए माना की मूल कोरम का 50 प्रतिशत सदस्य होने के बाद भी बैठक की जा सकती है । मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की खंडपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार 2019 के बाद डेयरी फेड़रेशन में बैठक नहीं हुई है । अब हाईकोर्ट ने एमडी डेयरी फेड़रेशन की स्पेशल अपील को खारिज कर कहा है कि स्थगित बैठक नियम 98 के तहत मूल कोरम का 50 प्रतिशत होने पर भी बैठक की जा सकती है। आपको बता दें कि 5 जनवरी 2019 को डेयरी फेड़रेशन ने कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए बैठक स्थगित कर दी थी । जिसको अल्मोड़ा दुग्ध संघ सदस्य दिनेश डांगी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी । एकलपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए बैठक कराने के आदेश दिये लेकिन एम डी दुग्ध फेड़रेशन ने कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए स्पेशल अपील हाईकोर्ट मे दाखिल कर दी । हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद अब बोर्ड की मीटिंग होना अनिवार्य है और शेष कार्यकाल के लिये अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी हो सकेगी ताकि बोर्ड़ भी सुचारू चल सके।
हाईकोर्ट का आदेश-:
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्ष 2018 में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल प्रारंभ होने के समय से डेयरी फ़ेडरेशन ने अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करने की अनुमति नहीं दी गई है। प्रतिनिधियों/सदस्यों ने वास्तव में अपना इस्तीफा दिया या नहीं, हम उस विवाद में नहीं पड़ रहे हैं। तथ्य यह है कि 4 निर्वाचित प्रतिनिधि पद पर बने रहते हैं, और संख्या में 4 होने के कारण बैठक अभी भी आयोजित की जा सकती है क्योंकि उक्त 4 निर्वाचित प्रतिनिधि/सदस्य अन्य मनोनीत सदस्यों के साथ बैठक आयोजित करने के लिए पर्याप्त हैं।
इसलिए, हम वर्तमान विशेष अपील में कोई मैरिटनहीं पाते हैं और तदनुसार, इसे खारिज किया जाता है। “