अल्मोड़ा । भैसियाछाना विकास खंड के गांव रीम कनारीछीना के रहने वाले धरम सिंह नेगी ने अपनी शाररिक व आर्थिक कमजोरी के बावजूद कुमाऊँनी लोकसंस्कृति व लोककला को जीवंत रखने का बीड़ा उठाया है और अपनी मधुर आवाज व कला के बूते अब वे धीरे धीरे आसपास के गांवों के चहेते कलाकार बनते जा रहे हैं और मेलों, पर्वों, शादी समारोह आदि में उन्हें सुनने के लिये लोगों की भीड़ जमा होने लगती है । लेकिन कुमाऊँनी संस्कृति का यह वाहक अभी शासन प्रशासन की नजरों से दूर है । शाररिक व आर्थिक रूप से कमजोर इस कलाकार को सरकारी मंच व मदद की जरूरत है ।
धरम सिंह नेगी ग़रीब परिवार से है । वह बचपन से लोकनृत्य व लोककला के शौकीन रहे हैं । शरीर से कमजोर होने के कारण वह मजदूरी व कठिन काम करने में असमर्थ हैं। लेकिन गायिकी से शादी व्याह, मांगलिक सांस्कृतिक कार्यक्रम व नवरात्रि में वह लोकगीत,भजन आदि के जरिये अपनी दिनचर्या चलाते हैं ।
धरम सिंह नेगी के बड़े भाई प्रताप सिंह नेगी का कहना है धरम सिंह नेगी जैसे लोकप्रिय व अपनी मातृभूमि की रीति रिवाज के लिए समर्पित लोक कलाकार को बड़े सांस्कृतिक मंच में कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए अवसर दिए जाने की जरूरत है । ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके और उन्हें व्यापक पहचान मिल सके । प्रताप नेगी ने कहा कि ऐसे कई प्रतिभाशाली गायक हैं जो गुमनामी व आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं । जिनकी मदद के लिये सरकार को पहल करनी होगी ।

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