नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक पिथौरागढ़ को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है ।
मामले के अनुसार नवीन पाठक,संजीव कोहली व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनकी नियुक्ति शासनादेश के मुताबिक मृतक आश्रित के रूप में अधिसंख्यक पद पर चतुर्थ श्रेणी कार्मिक के रूप में की गई ।शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि अधिसंख्यक पद पर की गई सेवा की गणना वेतन निर्धारण तथा सेवा निवृत्त लाभों के लिये की जाएगी । लेकिन पिथौरागढ़ में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को उक्त सेवा का लाभ नहीं दिया गया और उनको नियमित वेतनमान की जगह नियत वेतन में नियुक्ति दी गई । जबकि अन्य जिलों में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को उक्त शासनादेश का लाभ देते हुए उनको प्रथम नियुक्ति तिथि से ही नियमित वेतनमान का लाभ दिया गया है ।
याचिका कर्ताओं द्वारा यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में ही याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला देते कहा था कि भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है और सरकार 10 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं को प्रथम नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान दिया जाय । राज्य सरकाए ने उक्त आदेश नहीं माना तथा 2006 से याचिका कर्ताओं को नियमित वेतनमान दिया । जबकि वे प्रथम नियुक्ति की तिथि से नियमित वेतनमान की मांग कर रहे हैं ।
मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की एकलपीठ ने जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक, पिथौरागढ़ को 26 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है ।