नैनीताल । नैनीताल सुरक्षित सीट से भाजपा प्रत्याशी सरिता आर्या को केवल मोदी लहर ही पार कर सकती है । अन्यथा पार्टी के अंदर ही उनके खिलाफ जबर्दस्त विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं ।
तीन दिन पूर्व ही भाजपा में शामिल हुई सरिता आर्य नैनीताल सीट पर टिकट प्राप्त करने में सफल तो हो गई हैं लेकिन उनका कांग्रेस से कड़ा मुकाबला होना तय है । इस सीट पर कांग्रेस निवर्तमान विधायक संजीव आर्य को प्रत्याशी बना रही है । जो अब तक भाजपा विधायक थे और कुछ माह पूर्व अपने पिता कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे । नैनीताल व बेतालघाट क्षेत्र को यशपाल आर्य का गढ़ माना जाता है । नैनीताल शहर में कांग्रेस हमेशा चुनाव जीतती रही है और अब यशपाल आर्य के सहारे वह बेतालघाट व कोटाबाग में भी जीत दर्ज कर सकती है । दूसरी ओर सरिता आर्य जो हमेशा कांग्रेस के चेहरे के रूप में हमेशा क्षेत्र में गई और अब उन्हें कांग्रेस के खिलाफ व भाजपा के पक्ष में वोट की अपील जनता से करनी पड़ेगी । इसके अलावा नैनीताल विधान सभा सीट पर लंबे समय से मुख्यमंत्री के जन सम्पर्क अधिकारी व पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश आर्य, मोहन पाल, हेम आर्य, प्रकाश आर्य आदि गांव गांव जनता से मुलाकात कर थे,लेकिन पार्टी हाईकमान ने अचानक दल बदल कर पैराशूट प्रत्याशी मैदान में उतार दिया । जिससे इन सबमें नाराजगी होना स्वभाविक है । ये लोग 2017 में भी इसी तरह तैयारी कर रहे थे तब कांग्रेस के संजीव आर्य को टिकट दिया गया ।
इधर आज भाजपा के सोशियल मीडिया ग्रुप में सरिता आर्य को नैनीताल से टिकट दिए जाने पर खुशी व्यक्त करने के बजाय रोष व्यक्त किया गया है । उल्लेखनीय है कि सरिता आर्य नैनीताल नगर पालिका की चेयरमेन रहने के बाद 2012 में कांग्रेस के टिकट पर नैनीताल से विधायक चुनी गई । तब उन्होंने भाजपा के हेम आर्य को करीब साढ़े पांच हजार मतों से हराया था । लेकिन 2017 में भाजपा के संजीव आर्य ने उन्हें करीब 7200 मतों से पराजित किया ।