टिकट का कोई अता-पता नहीं, दावेदार क्षेत्र में बहा रहे पसीना
भीमताल विस सीट में कांग्रेस व भाजपा में दावेदारों की फौज
दावेदारों को हर खास मौके का इंतजार
भीमताल। वर्ष 2012 में अस्तित्व में आई भीमताल विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा में दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। दोनों ही पार्टी की तरफ से अभी टिकट का कोई अता पता नहीं हैं लेकिन दावेदार क्षेत्र में खूब पसीना बहा रहे हैं। पांच साल तक क्षेत्र में कभी नहीं दिखाई देने वाले नेता इन दिनों लोगों के हर दुख सुख के साथी बने हुए हैं। दावेदारों को वह हर खास मौके का इंतजार बना हुआ है और वह वहां बिन बुलाए दौड़े-दौड़े पहुंच रहे हैं। बताते चलें वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद भीमताल विधानसभा सीट बनाई गई, उस समय भाजपा के सेटिंग विधायक गोविंद सिंह बिष्ट थे लेकिन भाजपा ने 2012 विधान सभा चुनाव में उनको टिकट न देकर दान सिंह भंडारी को चुनाव मैदान में उतार दिया। भंडारी ने 21 हजार वोट प्राप्त कर जीत भी दर्ज कर ली, जबकि कांग्रेस तीसरे पायदान पर चली गई, दूसरे नंबर पर बसपा के मोहन पाल रहे। मई 2016 में भंडारी ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया। 2017 के चुनाव में निर्दलीय रामसिंह कैड़ा ने 18 हजार वोट हासिल कर बाजी भाजपा व कांग्रेस को पटकनी दी। भाजपा व कांग्रेस में टिकट किसे मिलेगा इसकी तस्वीर एक दो दिन में साफ हो पायेगी लेकिन दावेदारों द्वारा क्षेत्र में भ्रमण कर खूब पसीना बहाया जा रहा है।
भाजपा से दावेदारों की सूची
राम सिंह कैड़ा, विधायक
मनोज साह, पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष
गोविंद सिंह बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री
आशा रानी, ब्लॉक प्रमुख धारी
मुकेश बोरा, दुग्ध संघ अध्यक्ष
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कांग्रेस से दावेदारों की सूची
दान सिंह भंडारी, पूर्व विधायक
गोपाल बिष्ट, जिला सहकारी बैंक निदेशक
कृपाल मेहरा, पूर्व प्रमुख
पुष्कर मेहरा, पीसीसी सदस्य
डा महेंद्र पाल, पूर्व सांसद
देवेंद्र चनौतिया, चेयरमैन नगर पंचायत भीमताल
डा केदार पलडिया, पूर्व दर्जा मंत्री
जया बिष्ट, पूर्व दर्जा मंत्री
संजय साह, पूर्व जिपंस सदस्य
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टिकट के लिए आकाओं की जी-हजूरी
भीमताल। विधानसभा चुनाव को देखते हुए दावेदारों का टिकट के लिए अलग-अलग दरबारों में हाजिरी लगाना और जी हजूरी का दौर भी शुरू हो गया है। दावेदार अपने-अपने आकाओं की गणेश परिक्रमा और टिकट की जुगत में जुटे हुए हैं। मौके का फायदा उठाने में आका भी नहीं चूक रहे हैं। दावेदार सुबह से शाम तक जनसंपर्क में जुटे हैं और अपने-अपने समर्थक भी बना रहे हैं। टिकट हासिल के लिए दावेदार हर तरह का हथकंडा अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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