मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बागेश्वर मंजू नाथ मुंडे की अदालत ने पत्नी की इच्छा के विरुद्ध शारीरिक सम्बन्ध बनाने के आरोपी पति को दो साल के साधारण कारावास व दस हजार रुपये की सजा सुनाई है । लेकिन कोर्ट ने पत्नी के साथ मारपीट जे आरोपों से पति को दोषमुक्त किया है ।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 13 अगस्त 2019 को एक महिला ने कांडा थाने में अपने पति के खिलाफ तहरीर देकर बताया कि, उसका पति हृदयेश टम्टा (निवासी खनात, थाना बेरीनाग जिला पिथौरागढ़) आईटीबीपी का जवान है और लेह में तैनात है। वह 12 अगस्त 2019 को उसके मायके आया और उसे यह कहकर साथ ले गया कि उसने सरकारी क्वार्टर मंजूर करा लिया है।उसकी बातों में भरोसा कर वह उसके साथ ससुराल को आने लगी । लेकिन वो उसे चौकोड़ी के पर्यटक आवास गृह में ले गया जहां महिला की इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाने के बाद तलाक देने की मांग करने लगा व मारपीट करते हुए उसे जान से मारने की धमकी देने लगा।
तहरीर के अनुसार वह किसी तरह बचकर वापस मायके आई । तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 498 ए, 323, 504 और 506 के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की । इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 8 गवाह कोर्ट में पेश किए ।
न्यायालय ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को धारा 504 और 506 से दोषमुक्त करने का निर्णय सुनाया । किन्तु धारा 498 ए में दो साल का साधारण कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई । धारा 323 के तहत छह महीने के साधारण कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया । जुर्माना नहीं देने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगने का आदेश पारित किया है।