नैनीताल । इस वर्ष कुमाऊँ विश्वविद्यालय के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय को इंटीग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम के सञ्चालन की अनुमति प्रदान कर दी गई है। 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम इंटर पास अभ्यर्थियों के लिए है जिसके अंतर्गत छात्रों को बी0ए० अथवा बी०कॉम० अथवा बी०एससी० की डिग्री के साथ ही बी०एड० की भी डिग्री मिलेगी साथ ही इंटेग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम करने से विद्यार्थियों का 1 वर्ष का बहुमूल्य समय भी बचेगा। कुमाऊँ विश्वविद्यालय को आरम्भ में बी०ए०बी०एड०, बी०कॉम०बी०एड० एवं बी०एससी०बी०एड० की अनुमति 50-50 सीटों के साथ मिली हैं।
उल्लेखनीय है जब कुमाऊँ विश्वविद्यालय से अल्मोड़ा परिसर अलग होकर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय बना तो लॉ एवं बीएड कोर्स भी अल्मोड़ा को मिल गये। कुलपति प्रो० एन०के० जोशी के प्रयासों से ‘डॉ० राजेंद्र प्रसाद लॉ इंस्टिट्यूट’ में एल०एल०एम० एवं पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-एलएलबी को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता प्राप्त हुई अब एन०सी०टी०ई० की अनुमति के पश्चात् इंटीग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम भी आरम्भ होने जा रहा है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर कुलपति प्रो० एन०के० जोशी ने कहा कि नया एकीकृत पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के साथ तालमेल बिठाने वाले शिक्षकों को तैयार करने में मदद करेगा। नई शिक्षा नीति ने पाठ्यक्रम में कई बदलाव किये हैं जैसे क्षेत्रीय भाषा में शिक्षण, स्कूली बच्चों को कोडिंग सिखाना आदि। इस प्रकार, आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षाशास्त्र प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा, मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, समावेशी शिक्षा तथा भारत एवं इसके मूल्यों/लोकाचार/कला/परंपराओं आदि के बारे में समझ की आधारशिला भी स्थापित करेगा। 4-वर्षीय आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक के बाद अध्यापन को एक पेशे के रूप में पसंद करते हैं। यह पाठ्यक्रम पूरे शिक्षक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इस अवसर पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम शुरू करने की मान्यता को लेकर नेशनल कौंसिल ऑफ़ टीचर एजुकेशन के निरिक्षण मंडल द्वारा 24 नवंबर को वर्चुअल निरीक्षण किया था। विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा इंटीग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम में अध्ययन के लिए अनिवार्य संसाधनों की उपलब्धता को ऑनलाइन माध्यम से निरिक्षण मंडल को दिखाया गया। कुलसचिव ने कहा कि एन०सी०टी०ई० के निरिक्षण मंडल द्वारा प्रातः १० बजे से सांय ४ बजे तक क्लास रूम, लाइब्रेरी, कंप्यूटर रूम, फैकल्टी रूम, लैब, सेमिनार रूम, मल्टीपर्पज़ हॉल, स्पोर्ट्स फैसिलिटी आदि का वर्चुअल निरीक्षण करते हुए आगे की कार्यविधि पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संवाद भी किया गया।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष, शिक्षा संकाय प्रो० अतुल जोशी ने बताया कि 4-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य एनईपी 2020 की नई स्कूल संरचना के अनुसार शिक्षकों को मूलभूत, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक चरणों के लिए तैयार करना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षण व्यवसाय में उत्कृष्ट छात्र प्रवेश करें। इस पाठ्यक्रम को करने वाले छात्र को भारतीय मूल्यों, भाषाओं, ज्ञान, लोकाचार, आदिवासी परंपरा एवं शिक्षा तथा शिक्षाशास्त्र में नवीनतम प्रगति के बारे में अच्छी जानकारी होगी।
विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर वित्त-नियंत्रक श्रीमती अनीता आर्या, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, उप परीक्षा नियंत्रक डॉ० रितेश साह, उप परीक्षा नियंत्रक डॉ० अशोक कुमार, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ० गगनदीप होती, विधान चौधरी, प्रकाश पाठक, अविराम पंत, प्रकाश पांडेय, कैलाश जोशी सहित समस्त प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।