आदेश- हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप ।
नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश की अवमानना करने पर पिटकुल के निलंबित पारित आदेश की अवमानना करने पर पिटकुल के महाप्रबन्धक (विधि) (निलम्बित), पिटकुल के विरूद्ध जमानती वारन्ट जारी किया है ।
प्रवीन टण्डन को महाप्रबन्धक (विधि) के पद पर कार्यरत रहते हुए उनके द्वारा वैधानिक कार्यदायित्वों के निर्वहन में बरती गयी लापरवाही, कार्यों के प्रति उदासीनता, गम्भीर दुराचार, व्यापक अनुशासनहीनता, कारपोरेशन को आर्थिक दण्ड/क्षति की संभावना इत्यादि के दृष्टिगत 7 जून 2023 को निलम्बित करते हुए उनका कार्यभार अशोक कुमार जुयाल, महाप्रबन्धक (मानव संशाधन)) को दिया गया। कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त कारपोरेशन द्वारा विभिन्न पत्रों, अनेंको व्हाटसऐप संदेशों के माध्यम से श्री टण्डन से महाप्रबन्धक (विधि) के कक्ष में स्थापित अलमारियों, दराजों एवं कैबिनेट इत्यादि की चाबियाँ उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया गया । परन्तु उनके द्वारा चाबियाँ उपलब्ध नहीं करायी गयी। इस सम्बन्ध में पिटकुल निदेशक मण्डल द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में श्री टण्डन से चाबियाँ प्राप्त करने हेतु समिति का गठन भी किया गया, परन्तु श्री टण्डन द्वारा गठित समिति को भी वांछित चाबियों उपलब्ध नहीं करायी गयीं। श्री प्रवीन टण्डन, महाप्रबन्धक (विधि) (निलम्बित) को उनके द्वारा की गयी गम्भीर अनियमितताओं के कारण 11 आरोप-पत्र निर्गत किये गये हैं, जिन पर जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
श्री टण्डन द्वारा महाप्रबन्धक (विधि) के कक्ष में स्थापित अलमारियों, दराजों एवं कैबिनेट इत्यादि की चाबियाँ उपलब्ध न कराये जाने पर पिटकुल की ऑडिट कमेटी द्वारा भी पिछले 10 वर्षों के रिकॉर्ड पूरे न होने पर घोर अप्रसन्नता व्यक्त की गयी है।
इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल द्वारा भी याचिका सं० 278/2023 (एस/बी) में 13 जून2024 को पारित निर्णय में श्री प्रवीन टण्डन को 10 दिवस के अन्दर चाबियाँ हस्तगत किये जाने के आदेश दिये गये, परन्तु श्री टण्डन द्वारा न्यायालय के आदेशों का पालन किया गया, जिसके फलस्वरूप कारपोरेशन द्वारा श्री टण्डन के विरूद्ध उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल में अवमानना याचिका दायर की गयी।
उक्त अवमानना याचिका में सुनवाई में उच्च न्यायालय द्वारा श्री टण्डन द्वारा चाबियाँ उपलब्ध न कराये जाने को गम्भीरता से लेते हुए इसे उच्च न्यायालय की अवमानना मानते हुए प्रवीन टण्डन, महाप्रबन्धक (विधि) (निलम्बित) के विरूद्ध रू. 20,000/- का जमानती वारन्ट जारी किया गया है।