नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नन्ही परी हत्याकांड में फांसी की सजा प्राप्त आरोपी की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाली अधिवक्ता मनीषा भंडारी के खिलाफ सोशियल मीडिया में जारी धमकी को देखते हुये मंगलवार को हाईकोर्ट के कई अधिवक्ताओं ने इस मामले की शिकायत मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ के समक्ष की ।
जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ ने एस एस पी नैनीताल को उक्त अधिवक्ता व उनके परिवार जनों को सुरक्षा मुहैय्या कराने के आदेश दिए है।
कोर्ट ने आईजी साइबर क्राइम को आदेश दिया है कि वे सोशियल मीडिया से भड़काऊ पोस्ट को डिलिट कराएं अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई करें। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वकील सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे हैं अगर किसी को प्रदर्शन करना है तो जांच अधिकारी के खिलाफ करें। कोर्ट ने अधिवक्ता के खिलाफ मुहिम चलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है।
ज्ञात रहे नैनीताल के काठगोदाम में 10 साल पहले नन्ही परी की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में आरोपी अख्तर को मिली फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी थी। आरोपी के बरी होने के बाद कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं और सोशियल मीडिया में आरोपी अख्तर की पैरवी करने वाली अधिवक्ता के खिलाफ भी धमकियां भेजी जा रही हैं ।