हाईकोर्ट का आदेश–:
नैनीताल। सड़क चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण के नाम पर सड़क किनारे मलिन बस्ती रहने वालों को बिना पूर्व सूचना के बेदखल करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार से बेदखल हुए लोगों को तत्काल आश्रय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं और आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट 4 मार्च को कोर्ट में पेश करने को कहा है । याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति जी.नरेंद्र व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में हुई ।
हल्द्वानी निवासी आफताब आलम द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि हल्द्वानी से काठगोदाम के बीच हुए सड़क चौड़ीकरण के दौरान मलिन बस्ती के निवासियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बेदखल किया गया है ।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुश्री ममता बिष्ट ने दलील दी कि प्रशासन ने जेसीबी मशीनों का प्रयोग कर बस्ती के निवासियों को अचानक बेदखल कर दिया, जिससे उन्हें न तो अपनी आवश्यक वस्तुएं समेटने का अवसर मिला और न ही कोई पूर्व नोटिस दिया गया। उन्होंने तर्क दिया कि यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के विपरीत है।
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता एस.एस. चौधरी ने न्यायालय से समय मांगा । ताकि आवश्यक निर्देश प्राप्त किए जा सकें।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार को वर्तमान मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तत्काल राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। अदालत ने सरकार से कहा कि जल्द से जल्द वैकल्पिक भूमि चिन्हित कर मलिन बस्ती के विस्थापित निवासियों के लिए अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की जाए।
न्यायालय ने इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट पेश करने के लिए अगली सुनवाई की तिथि 4 मार्च 2025 निर्धारित की है।
आदेश-:
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