केंद्र व राज्य सरकारों को 4 माह के भीतर आवश्यक नियम व प्रक्रियाएं बनाने के निर्देश।

नैनीताल ।  सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रभाव वाले फैसले में, सिख समुदाय के लिए आनंद विवाह अधिनियम, 1909 के तहत विवाहों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की खंडपीठ ने मल्लीताल नैनीताल निवासी अमनजोत सिंह चड्ढा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनाया है।

याचिका में यह मुद्दा उठाया गया था कि उत्तराखंड में आनंद विवाह अधिनियम को लागू करने के लिए कोई अधिसूचना या नियम नहीं बनाए गए थे, जिसके कारण सिख समुदाय के लोगों को अपने विवाह का कानूनी पंजीकरण कराने में कठिनाई हो रही थी।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विवाह का पंजीकरण केवल धार्मिक या सांस्कृतिक प्रथा नहीं है, बल्कि इसका एक महत्वपूर्ण नागरिक महत्व है। यह कानूनी रूप से विवाह को मान्यता देता है, जिससे पति-पत्नी और उनके बच्चों को विभिन्न नागरिक अधिकार और सुरक्षा मिलती है। यह निवास, भरण-पोषण, विरासत, और बच्चों के हितों की रक्षा के लिए एक कानूनी प्रमाण के रूप में कार्य करता है। फैसले में इस बात पर जोर दिया गया कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में, राज्य का यह कर्तव्य है कि वह किसी भी धर्म के नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करे और उनके विवाह को कानूनी रूप से मान्यता दे।

ALSO READ:  बैलपड़ाव और रामनगर में गोमांस के आरोप में 23 अक्टूबर को हुई तोड़फोड़ के मामले में दूसरे वाहन स्वामी अल शिफा ट्रेडिंग कंपनी को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है । कोर्ट ने याची को बाहर से लाइसेंस के आधार पर मांस लाने पर सुरक्षा

इस फैसले के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार महीने के भीतर आनंद विवाह अधिनियम के तहत विवाहों के पंजीकरण के लिए आवश्यक नियम और प्रक्रियाएं बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि किसी राज्य में यह अधिनियम अभी तक लागू नहीं किया गया है, तो उसे तुरंत इसे लागू करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस फैसले से विशेष रूप से उन सिख जोड़ों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अपने विवाह के पंजीकरण के लिए कानूनी दस्तावेजों की कमी के कारण पासपोर्ट आवेदन, वीजा और अन्य सरकारी प्रक्रियाओं में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। यह फैसला भारतीय विवाह कानूनों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जो विभिन्न समुदायों के धार्मिक अधिकारों और नागरिक अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करता है।

ALSO READ:  ऑल इंडिया विमेन्स कॉन्फ्रेंस नैनीताल ने राजकीय पॉलिटेक्निक में किया साइबर क्राइम एवं साइबर सिक्योरिटी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ।

WRIT PETITION (CIVIL) NO. 911 OF 2022
AMANJOT SINGH CHADHA
…PETITIONER
VERSUS
UNION OF INDIA & ORS.
…RESPONDENTS

Ad Ad

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You missed

You cannot copy content of this page