नैनीताल । कुमाऊं विश्व विद्यालय के जिया रानी महिला अध्ययन केंद्र में तीन दिवसीय कार्यशाला का आज सफल समापन हुआ ।
कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति, कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रोफेसर दीवान एस रावत रहे ।
उन्होंने इस कार्यक्रम को अत्यंत ही महत्वपूर्ण बताते हुुुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और वह अपने स्किल के माध्यम से आत्मनिर्भर होने के लिए नई क्षेत्र की खोज कर सकते हैं ।
कार्यशाला के अंतर्गत तीन दिनों में प्रथम दिन चॉकलेट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया । द्वितीय दिन को वेस्ट मटेरियल का उपयोग कैसे किया जा सकता है वह बताया गया । जिसमें मंदिर में चढ़ाए जाने वाली नारियल से कोकोडेमा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और साथ ही साथ जो वेस्ट प्लास्टिक का किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है और कैसे हम उसकी विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से उपयोग कर सकते हैं,के बारे में जानकारी दी गई ।
तीसरे दिन 1 अगस्त को रंगवाली पिछोड़ा बनाना सिखाया गया । तीनों दिन 80 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कियाl । जिसमें विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ-साथ विभिन्न सहायता समूह की महिलाओं, घरेलू महिलाओं, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया । कार्यशाला में प्रतिभागियों ने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद वे इस तरह के कई उत्पाद बना सकते हैं ।
जिसमें डॉ. महिका (जेएनयू) व नैनीताल निवासी,ने इस कार्यशाला को सफल बताया और कहा इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला । दीपा पुनेरा हल्द्वानी ,पुष्पा बिष्ट जय गोलू महिला स्वयं सहायता समूह,रश्मि शिराला देवरानी जेठानी स्वयं सहायता समूह ,आध्या जायसवाल ,राजेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह, कनिष्का, राष्ट्रीय शहीद सैनिक स्मारक विद्यापीठ,साक्षी आर्या,मोहनलाल साह बालिका विद्या मंदिर,करन सिंह भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय आदि लोगों ने अपने विचार रखे ।
कार्यशाला में प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा ने सभी का स्वागत किया और महिला अध्ययन केंद्र की प्राथमिकताओं से अवगत कराते हुए भविष्य में भी इसी तरह की कार्यशाला की आयोजन की बात रखी ।
उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन कुलपति के सहयोग और मार्गदर्शन में सम्भव हुआ है । सत्येंद्र तिवारी द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की ही । अविनाश एवं खुशबू ने कार्यशाला की के उद्देश्यों पर चर्चा की । इस अवसर पर भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के प्रधानाचार्य विशन सिंह मेहता, गीतिका नेगी, मोहनलाल शाह बालविद्या मंदिर की शिक्षिका परमिला बिष्ट, विमला जोशी, कनिका मेहरा, प्रकृति समूह, लक्षिता, सत्येंद्र ,अविनाश ,राकेश, सचिन, यश, कपिल, पूजा मिश्रा, कृष्णा एवं डी एस बी परिसर के विद्यार्थी एवं शोधार्थी शामिल रहे ।