(राधा चंद्रा)भिकियासैंण। तहसील स्याल्दे के प्रसिद्ध चैत्राष्टमी देघाट मेला आज
शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया।
देघाट देवी मंदिर में वर्षों से चैत्र नवरात्र की अष्टमी के दिन विशाल मेला लगता है और यहां बलि देने की भी प्रथा रही है लेकिन कुछ वर्षो से अब यहां बलि नहीं दी जाती है। इधर आज सुबह से ही दूर दराज से श्रद्धालू माता के मंन्दिर पहुंचे, तथा माता की पूजा अर्चना तथा ब्राह्मणों के द्वारा पाठ आदि किया गया।
उसके बाद क्षेत्र के आस पास के गांवों से लोग डोला सजाकर मां के मंन्दिर में पहुचे।
ग्रामीणों ने इस बार मिशाल कायम की कि
चैत्राष्टमी मेले देघाट में पशु बलि के लिए बकरे या भैसे के स्थान पर माता का डोला सजाकर माता के दर्शन किए जाएंगे और मन्दिर समिति व क्षेत्र के लोगों ने पशु बलि के स्थान पर माता के डोले आसपास के गांवों से लाने की योजना तैयार की । इस क्रम में आज
ग्राम भरसोली,कोटसारी,सुरमोली, कुमालेश्वर व गोलना से लोग डोला सजाकर पूरे गाजे बाजे व हुजूम के साथ मंन्दिर प्रांगण पहुंचे। इस बार चैत्राष्टमी में पशु बलि के लिए बगड्याल गांव से लाया गया एकमात्र भैंसा
प्रशासन के मनाने पर मनौती देने वाले व्यक्ति द्वारा बलि ना देकर मंन्दिर समिति को सौप दिया गया।
सप्तमी की रात्रि लाए गये 35 से अधिक बकरों को बिना बलि के प्रशासन ने लौटा दिए।
दूसरी ओर मेले में बडी संख्या में रामनगर, काशीपुर आदि क्षेत्रो के व्यापारी भी पहुंचे और झूले भी सजे । इसके अलावा प्रशासन के सहयोग से ब्लाक स्तरीय विभागों के स्टाल भी लगे रहे। जिसमें उद्यान क़ृषि,पशुपालन,आजीविका,स्वास्थ्य आदि विभागो के स्टाल प्रमुख थे। मन्दिर समिति ने
मेले को शांन्ति पूर्वक सम्पन्न कराने मे सहयोग के लिए
सभी जन प्रतिनिधियों,राजस्व विभाग, लोक निर्माण एवं जल संस्थान, पुलिस प्रशासन का आभार जताया।
मेले को सफल बनाने में मन्दिर समिति अध्यक्ष किशन मैठानी, नारायण बंगारी,पूरन रजवार, बिरेंद्र सिंह रावत,अशोक तिवारी, सुरेन्द्र गोयल, तहसीलदार पूरन गिरी, नायब तहसीलदार दीवान गिरी,
कानूनगो भाष्कर जोशी, राजेंद्र लाल वर्मा,
राजस्व उप निरीक्षक धीरज कुमार,रजत यादव,प्रकाश देवतल्ला,,जगदीश जोशी,यशपाल सिंह
आदि मौजूद रहे।