नैनीताल । आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने सहित अन्य माँगों को लेकर शुक्रवार को उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने तल्लीताल गांधी चौक में धरना प्रदर्शन किया साथ ही कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला । जहां युनियन ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया । यह ज्ञापन उप जिलाधिकारी ने प्राप्त किया ।

ज्ञापन में अफसोस व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत सरकार ने पिछले एक दशक से आशाओं की मेहनताना राशि ( प्रोत्साहन राशि) व सेवा शर्तों में कोई वृद्धि नहीं की है जिस कारण उत्तराखण्ड व देश की आशा वर्कर्स न्यूनतम गुजारे लायक मानदेय तक से वंचित हैं।
इस वर्ष 2024 के बजट में भी आशाकर्मियों सहित अन्य स्कीम वर्करों के लिए भारत सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है जो निंदनीय है।
आशाओं की मांगों की पूर्ति को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा ने आशा कर्मियों सहित सभी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, वेतनमान व पेंशन देने सहित अन्य लंबित मांगों की पूर्ति की मांग को लेकर शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था जिसमें आशा वर्कर भी शामिल हुई ।
युनियन ने आशा वर्कर्स को नियमित मासिक वेतन, कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान किये जाने, रिटायरमेंट के समय एकमुश्त 10 लाख का भुगतान किये जाने, आशाओं के मानदेय व भत्तों को महीनों तक लटकाने के बजाय अनिवार्य रूप से हर महीने भुगतान करने, आशाओं दिहाड़ी में बढोत्तरी करने की मांग मुख्य हैं ।
इस प्रदर्शन में आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल,दुर्गा टम्टा,रमा गैड़ा, भगवती शर्मा, प्रभा बिष्ट,ममता,नीलम बिष्ट, कमला बिष्ट,तुलसी बिष्ट,मनीषा,हेमा,अनीता,देवकी रौतेला,नीरू पुजारी,विमला साह,चन्द्रा सती, खष्टी,कमला डालाकोटी,हेमा पाठक,बबिता कुरिया,गीता नैनवाल,दीपा अधिकारी,पुष्पा मेहता,मुन्नी बिष्ट धारी,पुष्पा मेहता,सरोज आर्य, लीला बिष्ट,रूसाना आदि शामिल थे ।