नैनीताल।  पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई जन्मशती वर्ष प्रारंभ होने पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के अटल पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई पत्रकारिता में संयम और राजनीति में शुचिता की प्रतिमूर्ति थे।
ऑनलाइन हुए सेमिनार में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और लंबे समय तक पांचजन्य के संपादक रहे तरुण विजय, काशी विद्यापीठ के वरिष्ठ प्रोफेसर और वाजपेई के साथ कार्य कर और उनके जीवन पर गहन शोध कर चुके प्रोफेसर ओपी सिंह ने अपने विचार रखे।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि वाजपेई ने उनसे कई बार कहा था कि कभी न कभी काश्मीर पूर्ण रूप से भारत का अंग बनेगा और अयोध्या में राम मंदिर बनेगा। आज उनकी दोनों धारणाएं सही साबित हुईं।
सेमीनार में पूर्व सांसद और पांचजन्य के संपादक रहे तरुण विजय ने कहा कि वाजपेई ने पांचजन्य में पहला साक्षात्कार उन्हें ही दिया और लगातार संपर्क में रहे। वाजपेयी से उन्हें खबर लिखने, हेडलाइन लिखने और पत्रकारिता में संयम के महत्व पर बहुत कुछ सीखने को मिला।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई  उत्तराखंड राज्य स्थापना के सूत्रधार रहे। उन्होंने ही राज्य की मांग पूरी की थी।  कि किस तरह हरिद्वार और रुद्रपुर को उत्तराखंड में शामिल कराने के लिए वाजपेई बहुत उत्सुक थे और वाजपेई ने यह जिम्मा उन्हें सौंपा था। काम हो जाने पर वाजपेई ने उन्हें अपना हनुमान करार दिया।
केंद्रीय पर्यटन तथा रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने पत्रकारिता विभाग को भेजे संदेश में विभाग की इस पहल की सराहना की।
 कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने कहा कि वाजपेई ने सदैव सादा जीवन उच्च विचार का न केवल संदेश दिया बल्कि उसे जिया भी और उन्होंने बड़े से बड़े लाभ के लिए भी कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश रंजन तिवारी ने कहा कि यह प्रदेश के विश्वविद्यालयों का एकमात्र विभाग है जो वाजपेई के नाम पर है। उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना मुख्यमंत्री रहते हुए
डा. रमेश पोखरियाल निशंक के सहयोग से ही हो पाई थी।
सहायक प्रो. पूनम बिष्ट ने विभाग की उपलब्धियां बताईं। विभाग के किशन, चंदन ने सहयोग किया।
विभाग के विद्यार्थियों कंचन वर्मा, शुभांकर और मयंक पंत ने वाजपेई के संस्मरण और कविता सुनाईं। परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा ने प्रतिभागियों का स्वागत और इंदू पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा निदेशक सीडी सूंठा, मॉरीशस से सविता तिवारी सहित प्रो. ललित तिवारी, प्रो. जया तिवारी, डा. लज्जा भट्ट,  प्रो. राजेंद्र फर्त्याल, सुनील तिवारी, राजबीर सिंह, परितोष बंगवाल सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, विद्यार्थी आदि शामिल हुए।

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