बागजाला को पंचायत चुनाव में शामिल करने की मांग ।
नैनीताल । भाकपा माले व अखिल भारतीय किसान महासभा के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी वंदना को ज्ञापन देकर बागजाला में विकास कार्यों, निर्माण कार्यों, जल जीवन मिशन योजना, सड़क निर्माण से रोक हटाने और बागजाला को पूर्व की भांति पंचायत चुनावों में शामिल किए जाने की मांग की ।
भाकपा माले जिला सचिव कैलाश पांडे ने कहा कि बागजाला के लोग पीएम और सीएम चुन सकते हैं किंतु अपना प्रधान नहीं चुन सकते जो कि अजीब विडंबना है ।
किसान महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि, बागजाला (गौलापार) में आजादी से पहले से लोगों की बसासत रही है। 1978 में तत्कालीन उप्र सरकार द्वारा बागजाला के ग्रामीणों को पट्टे दिए गए थे। उसके बाद शासन-प्रशासन ने जन सुविधाओं को बढ़ाते हुए यहाँ नहर, गूल, स्कूल, बिजली पोल, सड़क बनवाए और आंगनबाड़ी भी खुलवाई। संविधान के तहत प्राथमिक स्तर के लोकतंत्र यानी ग्राम पंचायत के चुनाव भी यहाँ करवाए गए। देवला तल्ला ग्राम पंचायत से जोड़ते हुए 7 बार यहाँ ग्राम पंचायत के चुनाव शासन-प्रशासन द्वारा करवाए गए। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हर घर नल-जल” का भी काम यहाँ शुरू हुआ था। होना तो चाहिए था कि गरीब व दलित बहुसंख्यक आबादी वाले बागजालावासियो को शासन-प्रशासन और ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराता जोकि यहां कि जरूरत है। लेकिन पहले 2019 में बागजाला को ग्राम पंचायत से बाहर किया गया उसके बाद यहां विकास कार्य रोक दिए गए। लोग पुराने घरों को समयानुसार नया बनाना चाह रहे थे, लेकिन घरों के निर्माण पर भी रोक लगा दी गयी। जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना का कार्य बीच में ही रोक दिया गया। सड़क निर्माण का काम भी रोक दिया गया। और तो और विधायक निधि से पास होकर प्रशासन की सहमति से बन रही सीसी सड़क को भी वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा तोड़ दिया गया। बागजाला ग्राम की सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है, जिनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है।
भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, यह कैसी विडंबना है कि बागजाला के निवासी विधानसभा, लोकसभा चुनावों में मतदान कर राज्य और केंद्र सरकार चुनने का अधिकार रखते हैं, वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चुन सकते हैं किंतु उनके पास अपना प्रधान चुनने का अधिकार नहीं है। 2014 के पंचायत चुनाव में बागजाला वासी शामिल थे लेकिन उसके बाद उनको बिना किसी कारण के ग्राम सभा देवलातल्ला पजाया से हटा दिया गया था। जिसके कारण बागजाला के विकास कार्य बाधित हुए हैं और यहां के निवासी पंचायत राज व्यवस्था से अलग थलग पड़ गए हैं।
बागजाला के इन हालातों को ठीक करने के लिए जिलाधिकारी नैनीताल को दिए गए चार सूत्रीय मांग पत्र में मांग की गई :
1- बागजाला में रुके हुए विकास कार्यों जैसे सड़क, जल जीवन मिशन की पाइप लाइन, घरों में नल, बिजली कनेक्शन आदि का काम पूर्व की भांति पुनः शुरू कराया जाए ।
2- ग्रामीणों के घरों के निर्माण, नवीनीकरण व अन्य निर्माण में लगायी गयी पाबंदी हटाई जाए।
3- बागजाला को पूर्व की भांति देवला तल्ला पजायां ग्राम पंचायत में शामिल करते हुए आगामी पंचायत चुनावों में शामिल किया जाए ।
4- बागजाला वासियों को जो जहां पर है उसे वहीं पर भूमि का मालिकाना हक देने का प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को भेजा जाए।
जिलाधिकारी नैनीताल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता वेद प्रकाश, पंकज चौहान, हेमा देवी, पी एस बिष्ट, मो यासीन, विमला देवी आदि शामिल रहे।