नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने पूर्व राज्य सभा सांसद महेंद्र सिंह मेहरा की सांसद निधि
संशोधित सूची के अनुसार जारी न होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की है ।
याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने राज्य सरकार , सचिव ग्रामीण विकास, जिलाधिकारी व सीडीओ पिथौरागढ़, चंपावत से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार पूर्व राज्य सभा सांसद महेंद्र सिंह मेहरा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोविड काल के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उनकी सांसद निधि बंद कर दी थी। जिसको केंद्र सरकार ने 2022 फिर से सुचारू कर दिया। सुचारु करने पर उनके द्वारा प्रेषित विकास कार्यो के लिए ढाई करोड़ दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व में दी गयी विकास कार्यों की सूची में से कई कार्य सरकार ने अन्य मदों से कर दिए गए। 2022 में उनके द्वारा फिर से केंद्र सरकार को विकास कार्यों की संशोधित सूची जिले के नोडल अधिकारी के माध्यम से भेजी । परन्तु संशोधित सूची जिले के नोडल अधिकारी ने केंद्र सरकार को नहीं भेजी। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि उनके द्वारा जनहित में कराए गए संशोधित सूची के अनुसार सांसद निधि का भुगतान किया जाय।