नैनीताल । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने इंटर कॉलेजों के प्रवक्ताओं से रिकवरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की।
मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार के रिकवरी आदेश पर रोक लगाते हुए 6 सप्ताह में जवाब पेस करने को कहा है।
मामले के अनुसार प्रवक्ता द्वारिका प्रसाद पुरोहित ,आशीष भटनागर व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि वे 2006 में प्रवक्ता पद पर नियुक्त हुए थे। उनकी संतोषजनक सेवा के उपरांत सरकार ने सरकारी सेवक वेतन नियमावली 2016 के तहत उन्हें चयनमान वेतन दिया गया। नियमावली के नियम 13 में भी यह प्रावधान है कि जिस स्तर या लेबल से प्रवक्ताओं को चयन वेतनमान दिया जा रहा है उसमें एक वेतन वृद्धि के साथ आठ से दस में एक वेतन वृद्धि के साथ दिया जाएगा। याचिका में कहा है कि सरकार के शासनादेश 6 सितम्बर2019 और 13 सितम्बर 2019 में एक वेतन वृद्धि दिए जाने का उल्लेख नहीं है। इन शासनादेशों के आधार पर विभाग ने उनको दी गयी चयनमान एक वेतन वृद्धि को वसूलने के आदेश जारी कर दिए गए । याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकारी सेवक वेतन नियमावली को शासनादेशों के आधार पर अतिक्रमित नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा चयन वेतनमान देने के 6 साल बाद रिकबरी किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है । इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।