नैनीताल । भीमताल में आदमखोर बाघ या गुलदार  द्वारा तीन महिलाओं को मारने के बाद वन विभाग द्वारा बिना चिन्हित किए उसे आदमखोर घोषित कर मारने की अनुमति दिए जाने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए  न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है ।
हाईकोर्ट ने वन विभाग को निर्देश दिया है कि आदमखोर को मारने से पहले वन्य जीव अधिनियम की धारा 11 ए का पालन किया जाय। जिसके तहत आदमखोर को मारने से पहले उसे चिन्हित कर पकड़ा जाय । बाद में उसे ट्रेकुंलाइज किया जाय। इसके बाद भी वह नहीं पकड़ा जाता है तो उसे मारने की मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की संस्तुति आवश्यक है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर कोई जानवर इंसान पर जानलेवा हमला करता है तो इंसान अपनी आत्मरक्षा के लिए उसे मार सकता है। लेकिन घटना घटने के बाद उस जानवर को चिन्हित किया जाना आवश्यक है। ताकि निर्दोष जानवर न मारे जायँ।  सरकार की तरफ से कहा गया कि पकड़ा गया गुलदार बाघिन है जिसको ट्रेंक्यूलाइज कर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। जिसकी फोरेंसिक जांच लैब में भेजी गई है । लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आई है। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक आज भी कोर्ट में पेश हुुुए थे ।
        मामले के अनुसार भीमताल में दो महिलाओं को मारने वाले हिंसक जानवर को नरभक्षी घोषित करते हुए उसे मारने के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डेन के आदेश का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुनवाई थी ।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You cannot copy content of this page