समिति ने रविवार को किया सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन ।
नैनीताल। नई दिशाएं समिति के तत्वावधान में हिमालय क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संर्वधन के लिए नैनीताल के रामलीला मैदान में तीस दिनी विशेष प्रशिक्षण के बाद एक दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया,जिसमें देवभूमि कुमाऊं की पारंपरिक लोक गीतों व लोक नृत्यों का समावेश शामिल रहा।
इससे पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर की प्रतिष्ठित श्री राम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह तथा विशिष्ट अतिथि सभा के महासचिव जगदीश चंद्र बवाड़ी तथा प्रबंधक विमल चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुभारंभ किया। बता दें कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नागालैंड के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में झोड़ा, छपेली,न्यौली,रितुरैण तथा लोक गीतों का प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर अतिथियों ने नई दिशाएं समिति परिवार की ओर से किए गए सभी कार्यक्रमों की भूरि-भूरि सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से समाज की युवा पीढ़ी को अपनी लोक संस्कृति को नजदीक से देखने का मौका मिलता है। इससे पूर्व नई दिशाएं समिति के सचिव किशन लाल ने सभी अतिथियों का स्वागत कर कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत वंदना नंदा मैया तेरी जय-जयकार से की गयी,उसके बाद अजय कुमार ने कुमाऊंनी गीत,झोड़ा छपेली नृत्य,अजय ने ही कुमाऊंनी गीत आज कु छै मैता जा–,सामूहिक कुमाऊँनी नृत्य, ललित मोहन की ओर से कुमाऊंनी गीत,नंदा राज जात यात्रा के साथ ही कन प्यौरा चौमासा डांड्यू समेत कई कुमाऊंनी व गढ़वाली गीत प्रस्तुत किए गए।
संचालन उमेश कांडपाल ने किया। इस दौरान कार्यक्रम का निर्देशन भगवती टम्टा ने किया जबकि सह निर्देशक तान्या मेहरा व नीरज डालाकोटी,नृत्य निर्देशक रिया टम्टा व किशन लाल समेत अन्य कलाकारों में अजय कुमार, धीरज कुमार, भुवन, नवीन बेगाना, ललित मोहन,कविता जोशी,रश्मि रावत,शीतल, महिपाल,जीवन,रुपा रावत,दीपा,नंदिता,तन्नू,प्रत्यू ष तथा कान्ता पाल आदि शामिल रहे। अंत में समिति के सचिव किशन लाल ने सभी का आभार जताया।