(गौरव पालीवाल) नैनीताल । उत्तराखण्ड के लोकप्रिय जननेता व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी का आज 17 जून को 80वां जन्मदिन है । इस मौके पर जगह जगह विविध कार्यक्रम हो रहे हैं । नैनीताल में रामसेवक सभा प्रांगण में विशेष आयोजन हो रहा है । जहां 80 किलो लड्डू बांटे जा रहे हैं । भाजपा नेता मनोज जोशी व नगर मण्डल अध्यक्ष आनन्द बिष्ट के अनुसार इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट सहित कई अन्य पार्टी नेता भाग ले रहे हैं । इस कार्यक्रम में बी डी पांडे अस्पताल की मैट्रन शशिपाण्डे, हॉकी खिलाड़ी राजेन्द्र रावत,सैय्यद अली, ललित साह,राजेन्द्र बिष्ट आदि का सम्मान भी किया जाएगा ।

भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 1942 में बागेश्वर जिले के चेताबगड में हुआ । उनकी शिक्षा अल्मोड़ा से हुई और आगरा विश्व विद्यालय से अंग्रेजी में एम ए किया । उन्होंने पिथौरागढ़ से पर्वत पीयूष नाम से साप्ताहिक अखबार भी निकाला । वे सरस्वती शिशु मंदिर पिथौरागढ़ के 1975 तक शिक्षक व प्रधानाचार्य रहे । 1961 में वे अल्मोड़ा कॉलेज में छात्रसंघ के महासचिव चुने गए । इंदिरा गांधी के द्वारा देश में 1975 में लगाए गए आपातकाल का कोश्यारी ने विरोध किया, जिसके चलते उन्हें करीब पौने दो साल तक जेल में रहना पड़ा । 23 मार्च 1977 को रिहा हुए जिससे वे राजनीतिक सुर्खियों में आये ।

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कोश्यारी 1979 से 1985 और फिर 1988 से 1991 तक कुमाऊं विश्वविद्यालय की कार्य परिषद सदस्य रहे। 1989 में अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोक सभा सीट से चुनाव लड़ा । उत्तराखंड बनने से पहले 1997 में कोश्यारी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने गए । उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद नित्यानंद स्वामी मुख्यमंत्री बने तो कोश्यारी उत्तराखंड की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले उत्तराखंड के सत्ता की कोश्यारी को सौंप दी गई और वो 30 अक्टूबर 2001 से लेकर एक मार्च 2002 तक मुख्यमंत्री रहे ।

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उत्तराखंड के 2002 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हार जाने के बाद कोश्यारी ने 2002 से 2007 तक विधानसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाली । इसके बाद उन्होंने 2007 से 2009 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे । 2007 में बीजेपी की उत्तराखंड की सत्ता में वापसी हुई । लेकिन पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया और 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य चुने गए ।  2014 में बीजेपी ने नैनीताल संसदीय सीट से उन्हें मैदान में उतारा और वह जीतकर पहली बार लोकसभा सदस्य चुने गए । लेकिन 2019 में पार्टी ने उनकी जगह अजय भट्ट को नैनीताल से लोक सभा का प्रत्याशी बनाया । 2020 में उन्हें मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी । जिसका वे बखूबी निर्वहन कर रहे हैं ।

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