नैनीताल । वनस्पतिशास्त्री एवम वर्गीकरण शास्त्री स्व0 प्रो0 यशपाल सिंह पांगती को चतुर्थ पुण्यतिथि पर प्रो0 वाई पी एस पांगती रिसर्च फाउडेशन की तरफ से “हिमालय के पर्यावरणीय चिंताएं” विषय पर वेबिनार आयोजित किया गया ।

बेविनार में कुलपति प्रो एन के जोशी ,प्रो सुनील नौटियाल निदेशक पर्यावरण संस्थान कोसी ,हिमांचल के पूर्व पी सी सी एफ बी डी सुयाल, हल्द्वानी फॉरेस्ट शोध संस्थान के मदन सिंह बिष्ट को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रो0 वाई पी एस पांगती मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया।वेनिनार में फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉक्टर बी एस कालाकोटी ने सभी का स्वागत किया । डॉक्टर मीना पांडे, पुणे ने सभी का धन्यवाद दिया ।कार्यक्रम का संचालन प्रो0 जी एस रावत देहरादून एवम प्रो0 ललित तिवारी ने किया ।डॉक्टर एस एस सामंत पूर्व निदेशक एच एफ आर आई शिमला ने पुरुस्कार की घोषणा की । सेमिनार में अपने संबोधन में प्रो एन के जोशी ने कहा की माउंटेंस 12 प्रतिशत पृथ्वी का भाग है । 50प्रतिशत जैवविविधता तथा 50प्रतिशत जनसंख्या यही निवास करती है ।हिंदुकुश पर्वत के नीचे 210मिलियन लोग रहते हैं।उन्होंने कहा की परिस्थिति तंत्र के संरक्षण के लिए जैव विविधता संरक्षण जरूरी है।निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल ने भारत चीन में जलवायू परिवर्तन पर व्याख्यान दिया । उन्होंने कहा के क्योटो प्रोटोकॉल तथा कोपेनहेगन सम्मेलन के बाद इंसान को ज्यादा सतर्क रहने को कहा गया है ताकि पर्यावरण सतत विकास में संरक्षित रहे। चीन में 54 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन बड़ा तो भारत मे 13 प्रतिशत बड़ा है।कार्बन डाइऑक्साइड यू एस ए में 15,चीन में 31,भारत में 7 प्रतिसत बड़ी है। पिछले 20 वर्षों में यू एस ए में 1000,चीन में 492,जापान में 376 तो भारत में 100  प्राकृतिक आपदा आई है जो जलवायु परिवर्तन के कारण हुई है।उन्होंने उत्तरीय ध्रुव के गलन तथा जनसंख्या वृद्धि पर भी बात रखी तथा कहा की हम संवेदन शील के साथ अपने आप में रचनात्मकता लानी होगी। प्रो0 नौटियाल ने ग्रीन इकोनॉमी पर भी चर्चा की। पूर्व पी सी सी एफ हिमाचल बी डी सुयाल ने कहा की हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर में ज्यादा प्रतिशत जंगल है तथा नॉर्थ ईस्ट में 61प्रतिशत हैं । जबकि बाकी राज्यों में बहुत कम जो 5 प्रतिशत के आस पास हैं ।इसलिए कार्बन तथा प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध जरूरी है।रेंजर मदन सिंह बिष्ट ने बुरांस, काफल, कदंब, महोगनी के साथ घरों में हेज गार्डन तथा इको टूरिम को बढ़ावा तथा पलायन रोकने के लिए लेमन ग्रास रीठा तथा मेडिसिनल प्लांट की खेती करने की अपील की। पुरुस्कार में प्रशस्ति पत्र एवम शॉल प्रदान किया जाएगा।प्रो0 उमा मेलकानिया प्रो एस डी तिवारी डॉक्टर जे सी कुनियाल डॉक्टर आई डी भट्ट ने स्वर्गीय प्री वाई पी एस पांगती तथा स्वर्गीय डॉक्टर रणबीर सिंह रावल पर विचार रखे ।वक्ताओं ने उन्हें समर्पित तथा सकारात्मक के साथ प्राकृतिक प्रेमी एवम संरक्षण वादी कहा।अंत में प्रो वाई पी एस पांगती तथा डॉक्टर रावल के स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।वेबिनर में प्रो एल एस लोधियाल, डॉ0नीलू लोधियाल, डॉ0 सुषमा टम्टा,डॉ0 नवीन पांडे ,डॉ0 हर्ष चौहान, प्रो भावना पाठक, डॉ0 मनीष बेलवाल,वसुंधरा शीतल, डॉ0 जी सी जोशी, प्रो0 बी आर पंत,डॉ0 मदन एम पांडे, प्रो बी एम पांडे ,प्रो रजनीश अग्निहोत्री, डॉ0 नंदन मेहरा, दीक्षा बोरा, पंकज पाठक सहित  बड़ी संख्या में अन्य प्रतिभागी शामिल हुए ।

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