नैनीताल । नाबालिग से दुष्कर्म की घटना की प्राथमिक जांच में बच्ची के अनुसूचित जाति के होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी मो उस्मान के खिलाफ एस सी-एस टी एक्ट में भी मुकदमा दर्ज कर दिया है । इस आधार पर मामले की जांच राजपत्रित पुलिस अधिकारी सी ओ लालकुआं दीपशिखा अग्रवाल को सौंपी गई है ।
एस एस पी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा की ओर से इस आशय की जानकारी हाईकोर्ट में दी गई । मंगलवार को इस प्रकरण से जुड़ी याचिका की हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में त्वरित कार्यवाही के लिये पुलिस कार्यवाही पर सन्तोष व्यक्त किया । जिससे पुलिस का मबोबल बढ़ा है ।
लेकिन विधि के जानकारों का मानना है कि 1 मई को दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के बयान दर्ज हो गए थे । पुलिस को 30 अप्रैल की रात मल्लीताल कोतवाली में हुए पूछताछ में मालूम हो गया था कि बच्ची अनुसूचित जाति की है । तब आरोपी के खिलाफ इतने दिन बाद एस सी-एस टी एक्ट में मुकदमा क्यों हुआ ? जबकि यह मुकदमा उसी दिन होना था । जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील शर्मा ने पुलिस के इस रवैय्ये पर हैरानी जताई है । सुशील शर्मा 1 मई की सुबह भी मल्लीताल कोतवाली गए थे ।
दूसरी ओर मंगलवार को हाईकोर्ट में पीड़ित बच्ची के परिवार की ओर पक्षकार बने अधिवक्ता शिव भट्ट ने कोर्ट को कुछ नए तथ्यों की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि इस घटना में पूरा परिवार लिप्त हो सकता है । क्योंकि 12 अप्रैल को हुई घटना के बाद परिवार के अन्य लोग साक्ष्य नष्ट करने में लिप्त रहे हैं ।