उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भारतीय भाषा उत्सव के समापन के अवसर पर हल्द्वानी में प्रयोगांक नैनीताल द्वारा कुमाऊंनी जागर शैली पर आधारित संस्कृत नाटक उरुभंगम का प्रस्तुतीकरण किया गया।

महाकवि भास द्वारा रचित संस्कृत नाटक उरुभंगम का निर्देशन भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ एवं प्रयोगांक के निर्देशक मदन मेहरा द्वारा किया गया है। नाटक महाभारत की उस घटना पर आधारित है जब महाभारत का युद्ध अंतिम चरण में होता है भीम और दुर्योधन के मध्य भूषण गदा युद्ध के दौरान भीम कृष्ण के इशारे पर दुर्योधन की जंघा भंग कर देते हैं। नाटक में दुर्योधन को सुयोधन के नाम से संबोधन कर प्रस्तुत किया गया है। नाटक के माध्यम से निर्देशक द्वारा कहा गया है कि युद्ध का परिणाम कभी भी सकारात्मक नहीं होता है इसका परिणाम केवल विनाश और विनाश ही है। नाटक में मुख्य भूमिका है रोहित वर्मा, उमेश कांडपाल, सम्राट पुनीत कांत, नीरज डालाकोटी, कौशल शाह जगाती, दिक्षय कुमार, महेश जोशी, मदन मेहरा,प्राची, अनुष्का डॉक्टर अफरोज मोहम्मद आसिफ मीनाक्षी चौधरी, चित्रा, यश द्वारा निभाई गई हैं! नाटक में संगीत धीरज कुमार, भुवन कुमार, रवि नेगी, मदन मेहरा द्वारा दिया गया है। नाटक में पार्षद सहयोग श्री राम सेवक सभा मल्लीताल नैनीताल , मुकेश धस्माना , प्रदीप त्यागी, एच एस राणा , रविंद्र रौतेला , नासिर अली, चारू तिवारी द्वारा दिया गया है।
इस अवसर पर वरिष्ठ फ़िल्म एवम थिएटर कलाकार ललित तिवारी  के अलावा डॉ राजेंद्र कैड़ा, डॉ अनिल कार्की, डॉ प्रभा पंत, कुमार मंगलम आदि उपस्थित रहे।

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