प्रत्येक वर्ष 24 मई को राष्ट्रीय भ्राता दिवस दिवस मनाया जाता है। भाई भाई का प्यार एवं भाई बहन का प्यार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक काल से ही भाइयों का प्यार वेदों और पुराणों में देखा गया है। जैसे पुरुषोत्तम भगवान राम एवं भरत का प्यार श्री कृष्ण और बलदेव का प्यार आदि आदि। भाई से बढ़कर और प्यारा रिश्ता कोई नहीं होता। बचपन में एक साथ स्कूल जाना एक साथ खेलना एक साथ प्यार का लड़ना झगड़ना प्रतिस्पर्धा करना आदि हमारे बचपन की यादों को तरोताजा कर देते हैं। कहते हैं कि मां बाप आदि रिश्ते अगले जन्म में पुनः मिल जाते हैं परंतु सगा भाई कई जन्मों पश्चात मिलता है। भाई एक ऐसा शब्द है जो इंसान के मुख से सर्वाधिक बार बोला जाता है। भाई भाई के अतिरिक्त भाई बहनों के बीच का रिश्ता भी बहुत मजबूत होता है। एक साथ बड़ा होना एक साथ ही स्कूल जाना एक साथ खेलना आदि।
भाइयों के बीच का रिश्ता तो इतना मजबूत है कि कई लोगों के जीवन का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा है कि सैकड़ों पुस्तकों फिल्मों कविताओं और नाटकों को प्रेरित किया गया है। भाई के साथ हमेशा मैत्रीपूर्ण व्यवहार बनाए रखना चाहिए। भाई आपसे चाहे कितना ही रूठा हो उसे हर प्रकार से मनाने की पूर्ण चेष्टा करनी चाहिए। भाइयों को कभी अलग नहीं होना चाहिए। नई पीढ़ी के बच्चों को यह शिक्षा अवश्य देनी चाहिए कि जीवन में कभी भी भाई का हाथ नहीं छोड़ना चाहिए अर्थात भाई से अलग नहीं होना चाहिए अन्यथा उसकी हार होना निश्चित है। कहते हैं कि रावण ने भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से कहा था की हे राम ! मेरी शक्तियां तुम से कहीं अधिक थी मेरी सेना भी तुम्हारी सेना से अधिक थी मेरा साम्राज्य भी तुम्हारे साम्राज्य की अपेक्षा अधिक था परंतु तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ था और मेरा भाई मेरे विपरीत था यही मेरे हार का कारण रहा।
लेखक-: पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल,