नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट के नैनीताल से अन्यत्र शिफ्टिंग के प्रस्ताव के बीच बुधवार को मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हाईकोर्ट की एक बेंच आई डी पी एल ऋषिकेश में स्थापित करने हेतु सरकार से उस स्थान का परीक्षण कर जबाव देने को कहा ।

 

हाईकोर्ट के इस आदेश से अधिवक्ता  नाराज हो गए थे। नाराज अधिवक्ताओं ने इस फैसले के खिलाफ तत्काल बार सभागार में बैठक की । जिसमें आम सहमति बनी की हाईकोर्ट की अलग से कोई बेंच न बनाई जाए और हाईकोर्ट जहां भी बने एक ही स्थान पर बने । इस मांग को लेकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिवक्ता पुनः मुख्य न्यायधीश की कोर्ट में गए और उनके समक्ष अपनी बात रखी । जिस पर मुख्य न्यायधीश ने  कहा कि इस मामले की सुनवाई दोपहर बाद की जाएगी ।

   बताया गया है कि आई डी पी एल ऋषिकेश जो पूर्व में बंद हो चुकी है, के कर्मचारियों को आवास खाली करने के आदेश पूर्व में हुए हैं । जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगाई है । इस मामले में सरकार की अपील पर 21 मई को सुनवाई होनी थी । लेकिन उसे बाद में आज सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया गया ।
 बुधवार की सुबह मुख्य न्यायधीश रितू बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने आई डी पी एल ऋषिकेश में हाईकोर्ट की एक बेंच स्थापित करने का मौखिक आदेश देते हुए सरकार को इस स्थान का परीक्षण करने को कहा ।
इस मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुई थी । महाधिवक्ता भी कोर्ट में मौजूद थे । सरकार को इस मामले में 21 मई तक जबाव देना है ।
इस  मामले की दोपहर बाद हुई सुनवाई के समय मुख्य न्यायधीश कोर्ट, अधिवक्ताओं से खचाखच भरा हुआ था । जहां भारी गहमा गहमी का माहौल रहा। सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य न्यायधीश कोर्ट के बाहर एस पी नैनीताल,एस पी हल्द्वानी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था । जिस पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने घोर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार अधिवक्ताओं के खिलाफ  फोर्स तैनात किया गया ।
   इस दौरान मुख्य न्यायधीश रितू बाहरी ने कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग का प्रस्ताव अधिवक्ताओं की तरफ से ही कई साल पहले आया था और अब तक जगह चिन्हित नहीं हो सकी । गौलापार में जो स्थान चिन्हित किया गया वह स्थान वन विभाग की है और वहां बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने पड़ेंगे । जबकि वे स्वयं और सुप्रीम कोर्ट पेड़ काटे जाने के खिलाफ है । दूसरी ओर आई डी पी एल ऋषिकेश में जगह उपलब्ध है और गढ़वाल क्षेत्र के अधिवक्ताओं व वादकारियों के लिये ऋषिकेश उचित स्थान है । यह दीर्घकालिक योजना के लिये भी उचित है । न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने कहा कि नैनीताल में कई तरह की असुविधाएं हैं व हाईकोर्ट के विस्तार के लिये जगह नहीं है और न ही आस पास जगह मिल पा रही है ।
   दूसरी ओर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत ने कहा कि बार हाईकोर्ट की अलग से बेंच खोलने के खिलाफ है और जहां भी हाईकोर्ट शिफ्ट हो, एक ही जगह हो । उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करना अव्यवहारिक है । इस मामले में कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी अपनी राय देते हुए अलग से बेंच स्थापित करने की मंशा को गलत बताया । कहा कि वर्तमान में हाईब्रिड सिस्टम से अदालती कामकाज चल रहा है और किसी भी जगह से अधिवक्ता, वादकारी व अन्य लोग ऑन लाइन कोर्ट से जुड़ रहे हैं ।
  इन सभी तथ्यों के बाद मुख्य न्यायधीश ने बार एसोसिएशन से कहा कि वे हाईकोर्ट के लिये ऐसा उचित स्थान बताएं जहां 50 साल बाद भी विस्तार की गुंजाइश हो और नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं के साथ साथ वादकारियों,न्यायिक अधिकारियों,कर्मचारियों व अन्य पक्षों को सुविधा बनी रहे । हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस मामले में अधिवक्ताओं की आम सभा बुलाकर आम राय बनाने को कहा है ।

By admin

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