नैनीताल । उत्तराखंड बार कौंसिल ने यू सी सी कानून में रजिस्ट्री,वसीयत आदि को पेपरलेस किये जाने के खिलाफ प्रदेश भर के अधिवक्ताओं द्वारा किये जा रहे आंदोलन का समर्थन किया है ।
बार कौंसिल अध्यक्ष डॉ. महेंद्र पाल व सदस्य सचिव मेहरबान सिंह कोरंगा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि
उत्तराखण्ड राज्य में राज्य सरकार द्वारा यूसी.सी. कानून लागू कर दिया है । जिसमें रजिस्ट्री, वसीयत व अन्य विलेखों को आनलाइन व पेपरलेश किये जाने का प्रावधान किया है। उक्त कानून के लागू होने से प्रदेश के अधिवक्ताओं के हित प्रभावित हो रहे हैं और अधिवक्ताओं की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है। बार कौंसिल ऑफ उत्तराखण्ड, नैनीताल को विभिन्न बार एसोसियेशनों से इस आशय के प्रत्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं। उक्त कानून अधिवक्ता हितों के प्रतिकूल और अव्यावहारिक होने के कारण पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं द्वारा कानून के उक्त प्रावधानों का विरोध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बार कौंसिल ऑफ उत्तराखण्ड, अधिवक्ताओं की उक्त मांगों का समर्थन करती है । उन्होंने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि उक्त कानून में रजिस्ट्री, वसीयत व अन्य विलेखों को आनलाइन, पेपरलेश किये जाने के प्रावधानों को शीघ्र वापस लेते हुए पूर्ववत किया जाए।