नैनीताल । राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अधूरी एसीआर की वजह से पदोन्नति से वंचित हो रहे कार्मिकों को विकल्प के रूप में प्रमाण पत्र के अनुसार पदोन्नति दिए जाने के शासन के निर्णय का स्वागत किया है ।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में शासन से मांग की गई कि कार्मिकों के ए सी आर में विलंब कर रहे अधिकारियों की तब तक एसीआर निर्गत न की जाए जब तक कि वे इस आशय का प्रमाण पत्र न दे दें कि उनके विभाग के किसी भी कार्मिक की एसीआर अवशेष नहीं है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष असलम अली ने कहा कि अधिकारियों द्वारा निर्धारित समयात्तर्गत कर्मचारियों के एसीआर लिखने में विलंब करने के कारण कर्मचारियों के एसीपी एवं पदोन्नति आदि से मिलने वाले लाभों में अनावश्यक विलंब होने से कार्मिकों का मनोबल भी गिरता है । अधिकारियों के स्थानांतरण हो जाने के कारण अन्य जनपदों में तैनाती होने से कार्मिकों की एसीआर पूर्ण नहीं हो पाती जिससे कर्मचारियों को निर्धारित लाभों से वंचित होना पड़ता है तथा अधिकारी द्वारा कर्मचारी की एसीआर लिखने में हीलाहवाली की जाती है। कहा कि सभी कार्मिकों ए सी आर निर्गत किये जाने के बाद ही अधिकारी की एसीआर निर्गत की जाए इससे अधिकारियों की अनावश्यक तानाशाही भी समाप्त होगी तथा कर्मचारियों को एसीपी अथवा प्रमोशन में लाभ से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
बैठक में परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष गिरजेश कांडपाल ने कहा कि शासन द्वारा लिया गया निर्णय निःसंदेह स्वागत योग्य है, परंतु जिन अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ने के लिए एसीआर नहीं लिखी जा रही है उनके खिलाफ भी शासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी कर्मचारियों का उत्पीड़न करेगा तो परिषद द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
बैठक में राज्य कर्मचारी संघ संरक्षक बहादुर सिंह बिष्ट, परिषद के पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष पीके शर्मा, इसरार बेग, विनोद भट्ट, गणेश सिंह बिष्ट, मोहित सनवाल, दीपक बिष्ट, आनंद सिंह जलाल, सत्य प्रकाश द्विवेदी, भूपाल सिंह बिष्ट ,तनवीर असगर, दिनेश चंद्र जोशी, आनंद पांण्डे, प्रताप सिंह मनराल, तथा हरेंद्र सिंह नेगी सहित कई कर्मचारी प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।