उत्तराखण्ड के कई गांव आज भी सड़क से कोसों दूर हैं । इन गांवों में सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों,बीमार व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं को उठानी होती है । ऐसे ही कई गांव अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक में भी हैं । जहां लोग सड़क के लिये तरस गए हैं । सड़क के अभाव में यहां के लोग बीमार,बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिये डोली पर निर्भर हैं ।

ऐसा ही एक वाक्या मंगलवार की रात भैंसियाछाना विकास खंड के थिकालना ग्राम सभा में हुआ । यहां  नायल निवासी  नीरज जोशी की पत्नी लीला जोशी को मध्य रात्रि 11बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई । रात्रि करीब 11.45 बजे कुछ  ग्रामीणों ने भारी बारिश में प्रसव पीड़ा से कराहती लीला को डोली के सहारे 17 किलोमीटर पैदल मार्ग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पनुवानौला पहुंचाया । वे सुबह  5.30 पनुवानौला पहुंचे । संयोग से इतने लंबे सफर के बाद प्रातः 7.30 बजे लीला ने बच्ची को जन्म दिया और दोनों सकुशल हैं ।

ALSO READ:  भाजपा नैनीताल अंतरिम कार्यकारिणी की बैठक में संगठनात्मक मजबूती पर हुई चर्चा ।

इन दिनों तिनैली मंगलता सड़क मार्ग व थिकालना जौलाबाज सड़क मार्ग पर काम तो हो रहा है लेकिन सड़क की हालत को देखते क्षेत्र के वाहन चालकों ने इस सड़क में वाहन लाने, ले जाने के लिये मना कर दिया । तब एकमात्र विकल्प डोली था ।

ALSO READ:  स्थान्तरण सूची-: सिविल जज सीनियर डिवीजन व जूनियर डिवीजन स्तर के न्यायिक अधिकारियों के स्थान्तरण ।

रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि भैसियाछाना विकास खंड के ऐसे और भी गांव है। इससे पहले आधी रात्रि में पतलचौरा की प्रियंका बानी ने आधे रास्ते में 7 माह पहले अस्पताल पहुंचने में  देरी होने से जंगल में ही अपने बच्चे को जन्म दिया था ।
उन्होंने कहा कि अगर तिनैली मंगलता सड़क मार्ग सही ढ़ंग से बना होता तो लीला जोशी को रात्रि में तेज बारिश के बावजूद 15 किलोमीटर पैदल डोली से  अस्पताल नहीं जाना पड़ता। नीरज जोशी व लीला का यह पहला बच्चा है ।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You cannot copy content of this page