नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूपुरा दंगे में शामिल 22 अभियुक्तों की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की।
मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने भोला उर्फ सुहैल, जावेद सिद्दकी, जावेद कुरैशी, शाहनवाज ,रईस अहमद अंसारी, अब्दुल माजिद सहित अन्य 18 को पुलिस द्वारा समय पर चार्जशीट पेश न करने के आधार पर उन्हें डिफॉल्ट का लाभ देते हुए जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट मजिस्ट्रेट के उस आदेश को नियम विरुद्ध माना जिसमें पुलिस को चार्जशीट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया। जबकि देंगे के मुख्य आरोपियों की जमानत अभी नहीं हुई है।
याचियों की तरफ से कहा गया कि कोर्ट ने पहले साफिया मलिक को जमानत दी । उसके बाद अन्य इसमे शामिल 50 लोगों को जमानत दी गयी । उसी को आधार मानते हुए उन्हें भी जमानत पर रिहा किया जाय। पुलिस ने बिना मामले की जांच किये उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417,420, 467, 468, 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया है।
महीनों बीत गए लेकिन पुलिस अभी तक उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है। जबकि जुर्म होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को जुर्म की जांच रिपोर्ट न्यायलय में पेश करना जरूरी है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक जाँच रिपोर्ट पेश नहीं कीऔर मजिस्ट्रेट ने पुलिस को चार्जशीट पेश करने का और अतरिक्त समय दिया गया।