नैनीताल । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे सहित वन भूमि से अतिक्रमण हटाने सम्बन्धी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार से 4 हफ्ते के भीतर प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में देने को कहा है । बुधवार को सरकार की ओर से अब तक हटाये गए अतिक्रमण का ब्यौरा फोटोग्राफ सहित कोर्ट में पेश किया ।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ के समक्ष हुई । आज कोर्ट ने मामले की पैरवी हेतु अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली को न्यायमित्र नियुक्त किया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर की तिथि नियत की है। आज हुई सुनवाई पर सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया कि प्रशासन द्वारा पूर्व के आदेश पर सड़कों व वन विभाग की भूमि पर से अतिक्रमण हटाया जा रहा है और कई क्षेत्रों से अतिक्रमण हटा दिया गया है। उनके फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट पेश कर दी है। पूर्व में कोर्ट ने सभी जिलाधिकारी, डी.एफ.ओ. व राजस्व विभाग को आदेश दिए थे कि राष्ट्रीय राजमार्ग , राजकीय राजमार्गों , राजस्व भूमि व वन भूमि से अतिक्रमण हटाने से पहले की और अतिक्रमण हटाने के बाद की फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट शपथपत्र के माध्यम कोर्ट में पेश करें।
मामले के अनुसार दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायधीश को पत्र भेजकर कहा है कि नैनीताल के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि व रोड के किनारे कुछ लोगों ने अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया है। जिसकी वजह से लोगो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लिहाजा इसे हटाया जाय। कोर्ट ने इस पत्र का संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की थी । साथ मे कोर्ट ने जनहित याचिका का क्षेत्र को विस्तृत करते हुए पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग ,वन भूमि व राजस्व भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश सभी जिला अधिकारी व डीएफओ को देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।