नैनीताल । शहर के अयारपाटा क्षेत्र में बीती रात अज्ञात लोगों द्वारा हरे वृक्ष काटने पर प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टी आर ने कड़ा रुख अपनाते हुए क्षेत्र के रेंजर प्रमोद तिवारी से स्पष्टीकरण मांगा है और क्षेत्र के वन दरोगा रणजीत थापला को कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया । उन्होंने अपने अधीनस्थों से इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा है ।
प्राप्त सूचना के अनुसार आज सुबह कुछ युवक मॉर्निंग वॉक पर जा रहे थे तो रास्ते पर एक पेड़ गिरा था जिसकी वजह से रास्ता बाधित हुआ था । उसकी सूचना युवकों द्वारा क्षेत्र के सभासद मनोज साह जगाती को दी । मौके पर पहुंचे सभासद जगाती ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी जिसके बाद डीएफओ टीआर बीजूलाल मौके पर पहुंचे और निरीक्षण कर पूरे इलाके को सर्च किया और वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जरूरी निर्देश दिये।
इस मौके पर सभासद मनोज साह जगाती ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है और जिसने भी ये दुस्साहस किया है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिये।
इस पूरे मामले पर डीएफओ टीआर बीजूलाल ने कहा कि नजूल भूमि पर लगे काकिस व अंगू के पेड़ों पर अज्ञात लोगों द्वारा आरी चलाई गई है और करीब 8 वृक्षों को काटा गया है जो कि गंभीर बात है लिहाजा इस पूरे मामले की जांच कराने के साँथ ही रेंजर को अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिये गये हैं।
डीएफओ बीजूलाल ने कहा कि जल्द ही गश्ती टीम का गठन किया जायेगा जिससे कि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
इधर आयारपाटा वार्ड के सभासद मनोज शाह जगाती ने डीएफओ बिजूलाल को दोषियों, संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए 72 घंटे का समय दिया है । जगाती ने कहा की यदि 72 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं की गई और घटना को अंजाम देने वालों पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो वह आत्मदाह कर लेंगे। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर हरे पेड़ काटने का यह तीसरा मामला है । जो विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना सम्भव नहीं है ।
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इस मामले में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और स्थानीय निवासी प्रदीप उप्रेती ने कहा की उनके द्वारा गुरूवार को इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी और संबंधित विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब मांगा जाएगा। वहीं पेड़ काटने वालो के खिलाफ सख्त सजा की मांग की जाएगी।
फॉरेस्टर और सभासद के बीच घटनास्थल पर हुई गहमागहमी
घटनास्थल पर मनोज शाह जगाती और वन विभाग के फॉरेस्टर रणजीत थापा के बीच गहमागहमी भी हुई। पर्यावरण प्रेमी और सभासद जगाती का कहना था विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से वन माफिया घटना को अंजाम दे रहे है और सिर्फ जुर्माना लगाकर क्लीन चिट दे दी जाती है। जिससे उनके हौसले और बुलंद हो रहे हैं।
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