* आज प्रथम नवरात्र में होती है मां शैलपुत्री की
पूजा। जानते हैं मां शैलपुत्री की कथा, शुभ
मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व्पूर्ण मंत्र ।*
*शुभ मुहुर्त-*
दिनांक 9 अप्रैल को
प्रथम नवरात्र के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की
जाएगी।

*मां शैलपुत्री की कथा*
मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा
जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में
जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ
शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह
देवी वृष्रूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं।
इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा
है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही
देवी प्रथम दुर्गा हैं। ये ही सती के नाम से भी
जानी जाती हैं। उनकी एक मार्मिक कहानी है।एक बार जब प्रजापति ने यज्ञ किया तो इसमें
सारे देवताओं को निर्मंत्रित किया, भगवान
शंकर को नहीं। सती यज्ञ में जाने के लिए
विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे
देवताओं को निर्मंत्रित किया गया है, उन्हें नहीं।
ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है।सती का प्रबल
आग्रह देखकर शंकरजी ने उन्हें यज्ञ में जाने
की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो
सिर्फ मां ने ही उन्हें स्नेह दिया। बहनों की बातों
में व्यंग्य और उपहास के भाव थे। भगवान
शंकर के प्रति भी तिरस्कार का भाव है। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक वचन कहे।इससे सती को क्लेश पहुंचा। व अपने पति का यह अपमान न सह सकी और योगान्नि द्वारा अपने को जलाकर भस्म कर लिया। इस
दारुण दुःख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने
उस यज्ञ का विध्वंस करा दिया। यही सती
अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के
रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाई।
पार्वती और हेमवती भी इसी देवी के अन्य नाम हैं। शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शंकर से हुआ। शैलपुत्री शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं।
इनका महत्व और शक्ति
अनंत है।
*इन मंत्रों के साथ करें मां शैलपुत्री की
उपासना*
*1. व्दे वाज छितलाभाय चन्द्रार्कृत्शेखराम् ।

*वृषारूढं शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ॥*।
*2. या देवी सर्भूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

*नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।*
*3. वन्दे वाचछित लाभाय चंद्रार्धकृतशखराम्।

*्वृषारूढां शूलथरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ।।*
*4. शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी
|*
*पद्म त्रिशूल हस्त धार्णी*
*रत्नयुक्त कल्याणकारिणी।।*
*5. औमु ऐं हीं क्लीं शैलपुत्र्ये नमः
*ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः*
6. *बीज मंत्र*- हीं शिवायै नमः।
*मां शैलपुत्री का स्तोत्र पाठ*
*प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्। *
*धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम् ॥*
শत्रिलोजननी ्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।*
*सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री
प्रणमाभ्यहम्।॥*
*चराचरेश्री त्वंहि महामोहः विनाशिन।*
*मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम् *
मां शैलपुत्री की कृपा हम और आप सभी पर
बनी रहे इसी मंगल कामना के साथ ।
जै माता दी ।

ALSO READ:  आवश्यक सूचना । आज 22 नवम्बर को नैनीताल के कई हिस्सों, गरमपानी,घोड़ाखाल,मेहरागांव,बेतालघाट, मछौड़ में विद्युतापूर्ति बाधित रहेगी ।

 

नवरात्रि घट स्थापना मुहुर्त 2024)
9अप्रैल को चैत्र नवरात्रि घट स्थापना
मुहूर्त प्रात 06:02 से 10:16 तक रहेगा। लेकिन अगर आप इस
मुहुर्त में घट स्थापना यानी कलश
स्थापना न कर पाएँ तो आपअभिजित मुहुर्त में घटस्थापना कर
सकते हैं।

ALSO READ:  भवाली अल्मोड़ा नेशनल हाइवे में क्वारब के पास लगातार गिर रहे मलवे से सड़क हो रही है बाधित ।

आज अभिजीत मुहूर्त 11:57 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक रहेगा

लेखक–:आचार्य पंडित प्रकाश जोशी,गेठिया ।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You cannot copy content of this page