नैनीताल । स्वास्थ्य महानिदेशालय से जारी एएनएम भर्ती में अनुसूचित जाति का रोस्टर पर विवाद उभर रहा है। अनुसूचित जाति आयोग देहरादून ने मामले में दस दिनों के भीतर जाँच उपलब्ध कराने के आदेश जारी कर दिए गये हैं। मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हुआ है। हल्दवानी निवासी रविकुमार ने आयोग को बताया कि एएनएम की भर्ती प्रक्रिया में जो अधयाचन महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग से 824 एएनएम की भर्ती को लेकर उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड देहरादून कोअधयाचन भेजा गया है। उसमें नियमानुसार अनुसूचित जाति का 19 प्रतिशत आरक्षण रोस्टर के अनुसार नहीं लगाया गया है। विभाग द्वारा जो भर्ती सूची जारी की गयी है उसमें अनुसूचित जाति 133 जनजाति 48 अन्य पिछड़ा वर्ग 55 तथा शेष 555 अनारक्षित दरशाये गये हैं जो कि आरक्षण नियमावली रोस्टर के अनुसार 19 प्रतिशत भी पूरा नहीं दिया गया है।
मामले में आगे यह भी कहा गया है कि यदि संविधान के अनुसार जो शासनादेश में उल्लेखित 19 प्रतिशत सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ अनुसूचित जाति के लोगों को मिलना चाहिए उस आधार पर 824 एएनएम की भर्ती में अनुसूचित जाति के 157 जनजाति के 33 अन्य पिछड़ा वर्ग के 155ईडवलू एस 82 तथा शेष अनारक्षित 437 पदों के अनुसार भर्ती होनी चाहिए ॥ इसमें विभाग द्वारा अनुसूचित जाति आरक्षण का पालन ठीक से नहीं किया गया है जिस कारण लगभग 23 लोगों को इसके लाभ से वंचित किया जा रहा है ॥ वर्तमान में चिकित्सा सेवा बोर्ड के द्वारा भर्ती प्रक्रिया गतिमान है 5जुलाई से सभी सूची में पंजीकृत महिला लाभार्थीयों को प्रमाण पत्रों की जाँच की जानी सुनिश्चित की गयी है।
इधर प्रकरण को आयोग के उपाध्यक्ष पी सी गोरखा ने गंभीरता से लेते हुए दस दिनों के भीतर ठीक रोस्टर आयोग में प्रस्तुत करने के निर्देश महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग देहरादून को दे दिये गये है। आयोग के उपाध्यक्ष पी सी गोरखा ने बताया है कि बैंक लाग की समीक्षा बैठक दौरान महानिर्देशक ने स्वयं आयोग को लिखित में अनुसूचित जाति की एएनएम की 148 रिक्तियाँ स्वीकार की गयी है। फिर रोस्टर प्रणाली के मुताबिक सीटें बढ़नी चाहिए थी | इस प्रकरण को आयोग ने गंम्भीरता से लिया है संविधान में प्रदत्त आरक्षण के अनुसार ही भर्तियों को लागू करने कठोरता से कार्य वाही की जायेगी।