शहर के बुद्धिजीवियों व गणमान्य नागरिकों ने टिफिन टॉप के बन्द होने पर जताई हैरानी -:
नैनीताल । नैनीताल के प्रमुख पर्यटक स्थल टिफिन टॉप में पिछले तीन माह से लोगों की आवाजाही बन्द होने पर शहर के बुद्धिजीवियों व गणमान्य लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए टिफिन टॉप के पूरे क्षेत्र में आवाजाही बन्द करने के औचित्य पर गम्भीर सवाल उठाए हैं और शीघ्र टिफिन टॉप क्षेत्र को आवाजाही के लिये खोलने की मांग की है।
नैनीताल के वरिष्ठ नागरिक, अंतराष्ट्रीय छायाकार व वन्य जीव बोर्ड के सदस्य पद्मश्री अनूप साह ने कहा कि टिफिन टॉप स्थित डोरथी सीट में लंबे समय से दरारें पड़ी थी । जहां प्रशासन समय रहते मरम्मत कार्य कर सकता था । किंतु प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और बरसात में 6 अगस्त 2024 को डोरथी सीट भूस्खलन से ध्वस्त हो गई । उन्होंने कहा कि भूस्खलन में टिफिन टॉप का जितना हिस्सा टूट गया है उससे अधिक इस क्षेत्र में अब भूस्खलन का खतरा नहीं है । लेकिन प्रशासन ने इस पूरे क्षेत्र में खतरा बताकर लोगों की आवाजाही बन्द कर दी है । जो कि समझ से परे है । जबकि प्रशासन को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बेरिकेटिंग कर अन्य स्थानों में पर्यटकों की आवाजाही सुचारू रखनी थी । उन्होंने डोरथी सीट के पुनः निर्माण के लिये प्रशासन द्वारा बनाये जा रहे बड़े प्रोजेक्ट पर भी गम्भीर सवाल उठाए हैं । कहा कि प्रशासन, जनता व प्रबुद्ध जनों की राय लिये बिना नैनीताल के अस्तित्व के साथ छेड़छाड़ कर रहा है । जिसमें इस इलाके में कृतिम झील बनाने का प्रयास भी शामिल है ।
कहा कि घोड़ा चालकों के रोजी रोटी के संकट को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें बारापत्थर से लैंड्स एंड तक घोड़े चलाने की अनुमति दी है । लेकिन लेकिन लैंड्स एंड के आगे, अयारपाटा क्षेत्र व शेरवुड कॉलेज से टिफिन टॉप जाना अब भी प्रतिबंधित है । जबकि देश व दुनिया भर से लोग ट्रेकिंग के साथ ही इस क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पति व वन्य जीव की जानकारी के लिये आते हैं जिन्हें आधे रास्ते से निराश लौटना पड़ता है । इन रास्तों में तैनात वन विभाग के कर्मचारी सुबह 9 बजे आते हैं और शायं को 5 बजे वापस चले जाते हैं । शायं को कर्मचारियों के लौटने के बाद ही नशेड़ी व शराबी लोग इस क्षेत्र में बेरोकटोक जाते हैं ।
वन विभाग का पक्ष –
अनूप साह ने बताया कि उन्होंने इस सम्बंध में मुख्य वन संरक्षक कुमाऊँ व प्रभागीय वनाधिकारी नैनीताल से भी वार्ता की । इन अधिकारियों के अनुसार इस मामले में कुमाऊँ आयुक्त व जिलाधिकारी के दिशा निर्देशों के कारण टिफिन टॉप को लोगों की आवाजाही के लिये नहीं खोला जा रहा है और जिला प्रशासन की अनुमति मिलते ही लोगों को आने जाने की अनुमति दे दी जाएगी ।
टिफिन टॉप क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिये सुझाव –
अनूप साह ने इस इलाके में जाने के लिये 50 रुपये शुल्क लिये जाने पर कहा कि इससे स्कूली बच्चों व स्थानीय लोगों को छूट मिलनी चाहिए । कहा कि टिफिन टॉप जाने वाले मार्ग में लगी बेंच व कूड़ेदान चोरी हो गए हैं । इसलिये बैठने के लिये सीमेंट की स्थायी बेंच व स्थायी कूड़ेदान बनाये जाएं। साथ ही इस पहाड़ी में पेयजल की व्यवस्था भी हो । ताकि लोग प्लास्टिक की पानी की बोतल न ले जाएं । वन विभाग इस क्षेत्र में घूमने जाने वालों को टोकन मनी लेकर कपड़े का थैला भी दे जिसमें लोग अपने साथ ले जा रहे खाद्य सामग्री का बचा हुआ सामान व कूड़ा वापस लाएं और थैला वापस करने पर टोकन मनी लौटा दी जाय ।
प्रशासन का पक्ष –
टिफिन टॉप की पहाड़ी में स्थित डोरथी सीट 6 अगस्त को तेज बारिश से ध्वस्त हो गई थी । जिसके बाद सुरक्षा कारणों से जिला प्रशासन ने पूरे टिफिन टॉप में लोगों की आवाजाही बन्द कर दी थी ।
ईस क्षेत्र में नई झील बनाने के नाम पर न हो अनावश्यक छेड़छाड़ -:
नैनीताल । टिफिन टॉप क्षेत्र में शेरवुड कॉलेज की तरफ बरसात में पानी भरने से बनने वाली झील को प्रशासन द्वारा भारी भरकम प्रोजेक्ट के साथ कंक्रीट में बदलने की स्थानीय लोग खिलाफत कर रहे हैं । लोगों का कहना है कि बांज के पेड़ों के बीच इस तरह के प्रोजेक्ट अनुचित हैं और इस क्षेत्र के प्राकृतिक पोखरों के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ न की जाय । बताया गया है कि प्रशासन ने इस क्षेत्र में बारिश के पानी से भरने वाली झील को बड़ा रुप देने के लिये वन विभाग से डी पी आर बनाने को कहा है ।