12.57 तक कर लें पूर्णिमा का श्राद्ध,फिर लग जायेगा सूतक काल ।
पूर्ण चंद्र ग्रहण में चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है इसलिए इसे ब्लड मून की संज्ञा दी गई है।भारत सहित संपूर्ण एशिया और अन्य देशों में भी दिखाई देगा यह ग्रहण।
पितृपक्ष (16 श्राद्ध)का प्रारंभ भी हो रहा है इस दिन से अतः पुर्णिमा श्राद्ध मध्यान्ह 12:57 से पूर्व संपन्न कर लें अन्यथा 12:57 बजे से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा। चंद्र ग्रहण स्पर्श 47 घड़ी तीन पल अर्थात रात्रि 9:57 बजे से प्रारंभ होगा इसका मध्य 44 घड़ी 25 पल अर्थात मध्य रात्रि 11:42 बजे होगा और मोक्ष 48 घड़ी 45 पल अर्थात मध्य रात्रि 1:26 बजे तक होगा। क्योंकि सूतक काल 9 घंटे पूर्व से माना जाता है अतः दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल प्रारंभ होगा। गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देना होगा कि यह ग्रहण ना देखें।
क्योंकि ग्रहण का समय सामान्य नहीं होता है इस दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है जिसका प्रभाव मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त इस दौरान सुई, कैंची, चाकू आदि नुकीली चीजों से भी दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही सिलाई बुनाई आदि कार्यों से भी दूर रहना चाहिए।
आलेख -:आचार्य पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल


