नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस द्वारा नैनीताल द्वारा 9 मई को गिरफ्तार किये गए नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी रहे दिनेश राणा व लेखाकार बसन्त जोशी की जमानत मंजूर कर ली है । मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की एकलपीठ में हुई ।
शुक्रवार को दिनेश राणा व बसन्त जोशी की जमानत याचिकाएं सुनवाई के लिये न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की एकलपीठ में पेश हुई । जबकि शुरुआती दौर में इन याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में हुई थी ।
आज जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान दिनेश राणा के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में दिनेश राणा को झूठा फंसाया है । रिश्वत में बरामद पैंसे अलमारी में मिले थे । इसके अलावा वे 5 माह से अधिक समय से जेल में हैं । इसी तरह के तर्क बसन्त जोशी की ओर से भी उनके अधिवक्ता ने दिए । जबकि सरकारी अधिवक्ता ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया तथा कहा कि आरोपी जेल से बाहर आने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं । दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों को जमानत दे दी ।
बता दें कि मुख्य कोषाधिकारी रहे दिनेश राणा व लेखाकार बसन्त जोशी पर नैनीताल/हल्द्वानी जजी में कार्यरत कर्मचारियों को एसीपी मद में देयकों के भुगतान के लिये रिश्वत मांगने का आरोप था और शिकायत पर विजिलेंस ने नैनीताल कोषागार में दोनों को 1.20 लाख रुपये सहित गिरफ्तार किया था ।