नैनीताल । वरिष्ठ अधिवक्ता व दो बार उत्तराखंड हाईकोर्ट में महाधिवक्ता रहे एल पी नैथानी का विगत दिवस दुबई में निधन हो गया । वे करीब 93 वर्ष के थे । उनका दाह संस्कार उत्तराखंड में ही होगा और उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी की जा रही है ।
स्व.एल पी नैथानी की पढ़ाई इलाहाबाद से हुई और 1953 में उन्होंने एल एल बी की डिग्री हासिल की और 1959 में बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश पंजीकृत हुए थे । वे संविधान के ज्ञाता थे और कई विभागों व संस्थानों के अधिवक्ता रहे । उत्तराखंड आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड के पीड़ितों को मुवावजा दिलाने व इस प्रकरण की इलाहाबाद हाईकोर्ट से सी बी आई से जांच के आदेश कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी ।
वे पर्यावरण कानून, मानव अधिकार कानून और सामाजिक मुद्दों के विद्वान थे साथ ही एक अच्छे खिलाड़ी भी थे।
उन्हें राज्य सरकार की अधिसूचना 29 नवंबर, 2000 के माध्यम से उत्तराखंड राज्य के पहले महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने 5 अप्रैल, 2002 तक इस पद के कर्तव्यों का पालन किया। 12 मार्च 2007 की अधिसूचना के माध्यम से उन्हें फिर से राज्य के महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया और 15 जनवरी, 2010 तक इस पद पर रहे।
एल.पी. नैथानी 50 वर्षों से अधिक समय तक कानूनी बिरादरी के संरक्षक रहे । वह हजारों लोगों के खासकर विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहे हैं । उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो गया है । उनकी तीन पुत्रियां हैं और तीनों डॉक्टर हैं । जिनमें से दो दुबई व एक अमेरिका में रहती है । वे मूलतः पौड़ी के नैथानी गांव के रहने वाले हैं । उन्होंने अपनी लाइब्रेरी की समस्त कानूनी व अन्य पुस्तकें हाईकोर्ट बार को दान कर दी थी ।
उनके निधन पर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने शोक व्यक्त किया है ।