नैनीताल । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत आशा फैसिलिटेटरों ने सोमवार को हल्द्वानी स्थित भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बैठक आयोजित की । जिसमें आशा फेसिलिटेटरों की मांगों की शासन स्तर पर लगातार अनदेखी होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई ।
इस बैठक में आशा कर्मचारी महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व आशा फैसिलिटेटर संघ की प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी मुख्य अतिथि थी । बैठक में नैनीताल आशा फैसिलिटेटर संघ के पदाधिकारी व अन्य सदस्य मौजूद थे ।
बैठक में आशा कर्मचारी महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेनू नेगी ने आशा फेसिलिटेटरों की समस्याओं का शासन प्रशासन से समाधान न होने और नाराज़गी जताते हुए अपनी आशा फैसिलिटेटरो को संबोधित करते कहा कि उन्हें 2010 में पदोन्नति देकर फेसिलिटेटर बनाया गया लेकिन आज तक उनकी मांगें जस की तस हैं । एन एच एम के अंतर्गत आशा फैसिलिटेटरो को केवल 20 दिन की मोबेलिटी मिलती है और काम 30दिन का कराया जाता है। एक आशा फैसिलेटर के अंतर्गत कई स्थानों में 30से 40 आशाएं हैं । इन आशा कार्यकर्ताओं के काम की पुष्टि के लिए एक आशा फैसिलेटटर को उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में जाना पड़ता है।किन्तु शासन प्रशासन द्वारा इस महंगाई के समय में आशा फैसिलिटेटरो को जो भत्ता दिया जा रहा है वह शून्य के बराबर है।
बैठक में जिला अध्यक्ष जया भट्ट ने आशा फैसिलेटटरों के न्यूनतम मजदूरी व शून्य के बराबर भत्ते पर रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस महंगाई के समय एक मजदूर भी पंद्रह से बीस हजार रुपए प्रतिमाह कमाता है और आशा फैसिलिटेटरों को मजदूर के बराबर भी मानदेय नहीं मिलता है। जिला मंत्री प्रेमा पाठक ने कहा कि आशा फैसिलिटेटरों को जो न्यूनतम वेतन मिलता है वह भी समय पर नहीं दिया जाता । जिससे गरीब परिवार की आशा फेसिलिटेटरों को घर चलाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है ।
बैठक में कोषाध्यक्ष मीना मिश्रा, पूनम बिष्ट, लीला चंद्र,तारा कडाकोटी, ममता गोस्वामी, रेनू टंडन,उमा दरम्बाल , लक्ष्मी जोशी, गीता दुर्गापाल, रेखा पांडे,मीना कंडारी, सुनीता जोशी किरन बिष्ट आदि आशा फैसिलिटेटर मौजूद रहे ।