नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने लखवाड़ जल विद्युत परियोजना के टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है ।
मामले के अनुसार गुड़गांव हरियाणा निवासी पत्रकार मूकेश कुमार सिन्हा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम ने 300 मेगावाट की बहुद्देशीय बांध परियोजना के शेष कार्यों के निर्माण हेतु जनवरी 2022 में टेंडर निकाला । जिसका टेंडर लार्सन एन्ड टर्बो (एल एन्ड टी) कम्पनी को आबंटित किया गया । याचिककर्ता के अनुसार जल विद्युत निगम ने नियमों का पालन न कर एल एन्ड टर्बो को फायदा पहुंचाया है । इसलिये इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द किया जाय ।
जबकि जल विद्युत निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विभाग ने 17 बार टेंडर निकाले । किन्तु इस अवधि में कोई भी निविदाएं प्राप्त नहीं हुई । 17वीं बार में एकमात्र एल एन्ड टी ने टेंडर डाला था । विभाग ने बताया कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है । इससे 6 राज्यों बिजली,पानी व अन्य जरूरतों की पूर्ति होगी । इस परियोजना के लिये फंड की व्यवस्था केंद्र सरकार कर रही है । उक्त कम्पनी को टेंडर आवंटित करने से पूर्व राज्य कैबिनेट की बैठक में एप्रूवल कराया गया था । इसके अलावा इस मामले में याचिककर्ता का कोई लोकस नहीं है । इन तथ्यों के आधार पर न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने जनहित याचिका खारिज कर दी ।