होटल एसोसिएशन नैनीताल को भी पक्षकार बनाने के निर्देश ।
नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने करीब एक दशक से बंद बारापत्थर व फांसी गधेरा चुंगी को पुनः संचालित करने की अनुमति नगर पालिका नैनीताल दे दी है । ये चुंगीयां हाईकोर्ट के आदेश से 2014 में बंद कर दी गई थी । हाईकोर्ट ने नैनीताल में ट्रैफिक कंट्रोल के लिये इन चुंगीयों को पुनः शुरू करने को कहा है । इधर नैनीताल में पीक पर्यटन सीजन में सड़कों में लगने वाले जाम को नियंत्रित करने के सम्बंध में एस एस पी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा आज कोर्ट में पेश हुए थे । उन्होंने कोर्ट को बताया कि ट्रैफिक नियंत्रण व पार्किंग व्यवस्था के लिये आई आई एम काशीपुर की मदद ली जा रही है साथ ही अवैध पार्किंग के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है । हाईकोर्ट ने एस एस पी व ई ओ नगर पालिका को निर्देश दिया है कि पैदल यात्रियों के चलने की समुचित व्यवस्था की जाय और फुटपाथ में हुए अतिक्रमण को नोटिस देकर हटाया जाए । इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 अप्रैल को होगी । उस दिन भी पुलिस अधिकारियों के साथ ही आई आई एम काशीपुर के प्रोफेसर को कोर्ट में बुलाया गया है । हाईकोर्ट ने नैनीताल के होटलों,गेस्ट हाउस में उपलब्ध कमरों के अनुसार ही नैनीताल में पर्यटकों को आने की अनुमति देने को कहा है । इस मामले में होटल एसोसिएशन को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिये हैं ।
नैनीताल शहर में पर्यटन सीजन के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था व अन्य व्यवस्था को दुरस्त करने सम्बंधित कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी. नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खण्डपीठ ने नगर पालिका के अनुरोध पर हाईकोर्ट के 2014 के एक आदेश को संशोधित करते हुए बारापत्थर व फांसी का गधेरा चुंगीयों को पुनः खोलने के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट ने पुलिस प्रशासन से कहा है कि रोड के किनारे व पार्किंगों में लम्बे समय से खड़े वाहनों को नोटिस देकर हटाएं। न हटाने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करें।
पिछली तिथि को कोर्ट ने नैनीताल में वाहनों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के सम्बंध में पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ को ट्रैफिक प्लान के ब्यौरे सहित कोर्ट में पेश होने को कहा था। लेकिन अवकाश में होने के कारण वे कोर्ट में पेश नही हो पाई थी।
आज एसएसपी ने ट्रैफिक प्लान पेश किया जो हिंदी में था। जिसको कोर्ट ने अंग्रेजी में पेश करने को कहा है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं व नैनीताल की प्रबुद्ध जनता से भी शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सामान्य बनाने को लेकर सुझाव मांगे थे । इस पर न्यायमित्र मेधा पांडे ने अपने सुझाव पेश किए । कहा कि नैनीताल शहर की सड़कें संकरी है। सड़क में पैदल चलने के लिए जो जगह बनाई गई है उसमें भी वाहन पार्क हो रहे है। जिसकी वजह से बुजुर्ग व बच्चों को अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार दुपहिया वाहन टक्कर मार कर चले जाते हैं।