नैनीताल । राज्य में समय पर निकाय चुनाव न कराए जाने को लेकर दायर दो जनहित याचिकाओं की मंगलवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश हुए सचिव शहरी विकास नितिन भदौरिया ने न्यायालय को आश्वासत किया कि 6 महीने के भीतर राज्य में नगर निकायों का चुनाव करा लिए जाएंगे और निकायों में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा । कोर्ट ने सचिव के बयान रिकॉर्ड करने के बाद दोनों याचिकाओं को लंबित रखते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि नियत की है ।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खण्डपीठ में मंगलवार को नैनीताल के वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह व जसपुर निवासी मो. अनीश की जनहित याचिकायें सुनवाई को पेश हुई । इस सुनवाई में सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और आरक्षण तय करने के लिए एक सदस्यीय न्यायिक कमीशन का गठन भी किया है।
इन जनहित याचिकाओं में कहा है कि नगर निकायों का कार्यकाल 2 दिसम्बर 2023 को समाप्त हो गया है। लेकिन सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया है और निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए। जबकि सरकार को निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। प्रशासक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है। उस स्थिति में भी सरकार को छः माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है । निकायों में प्रशासक नियुक्त करना संविधान के विरुद्ध है। लोक सभा व विधान सभा के चुनाव निर्धारित तय समय मे होते हैं लेकिन निकायों के तय समय मे क्यों नही हुए।
इस सम्बंध में सरकार की ओर से बताया गया कि निकायों में एक बार 6 माह के लिये सरकार प्रशासक नियुक्त कर सकती है और इसी 6 माह के भीतर चुनाव करा लिए जाएंगे। । इन तथ्यों को रिकॉर्ड में रखकर कोर्ट ने याचिका लंबित रख ली । जिसमें अगली सुनवाई अप्रैल में होगी ।