नैनीताल । उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ हाईकोर्ट, की पहल पर रविवार को नैनीताल क्लब में राज्य निर्माण आंदोलनकारी समन्वय समिति द्वारा  मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाये जाने के सम्बंध में ” सामाजिक एवं संवैधानिक मंथन” नाम से सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस सम्मेलन में राज्य के कई प्रमुख आंदोलनकारी नेताओं ने भागीदारी की ।

  बैठक का मुख्य मुद्दा मुजफ्फरनगर कांड के मुख्य गवाह कांस्टेबल सुभाष गिरी की संदेहास्पद स्थिति में ट्रेन में मौत होने की सी.बी.सी.आई.डी. द्वारा की गई जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगाने आदि के कानूनी पक्षों पर चर्चा की गई । इस मामले में अधिवक्ताओं ने कहा कि सुभाष गिरी की मौत की जांच सी बी आई द्वारा की जानी चाहिये । सुभाष गिरी गाजियाबाद में मृत मिले थे इसलिये इस मामले में सी बी आई जांच की संस्तुति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी । इसलिये इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने हेतु समय लिया जाएगा ।
  सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान मुजफ्फरनगर सहित अन्य स्थानों में आंदोलनकारियों के साथ हुई बर्बरतापूर्ण घटनाओं से सम्बंधित मुकदमों पर सी बी आई कोर्ट देहरादून, जिला कोर्ट मुजफ्फरनगर, उत्तराखंड हाईकोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमों पर भी चर्चा की गई । साथ ही मुजफ्फरनगर कांड के आरोपी तत्कालीन जिलाधिकारी अनन्त कुमार व 7 अन्य के खिलाफ दर्ज दर्ज मुकदमों को 2003 में न्यायालय द्वारा रद्द करने के दो दशक बाद लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद पुनर्स्थापित किया गया है । ये मुकदमा मुजफ्फरनगर में विचाराधीन है । जिस पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति अग्रेतर कार्यवाही हेतु संघर्षरत है ।
   जिला कोर्ट मुजफ्फरनगर ने मुजफ्फरनगर कांड के कुछ दोषियों को सजा सुनाई है और कुछ के खिलाफ ट्रायल जारी है । उत्तराखंड आंदोलनकारियों की ओर से मुजफ्फरनगर जिला कोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनुराग वर्मा, रजनीश चौहान के इस सम्मेलन में  पहुंचने पर सम्मान किया गया ।  अपने वक्तव्य में अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने मुजफ्फरनगर में चल रहे वादों की अद्यतन जानकारी साझा की ।
 इस सम्मेलन की अध्यक्षता गोपेश्वर से आई वरिष्ठ आंदोलनकारी राजकुमारी गैरोला ने की । जबकि संचालन हाईकोर्ट के अधिवक्ता भागवत सिंह नेगी ने किया । उन्होंने इस सम्मेलन के उद्देश्यों पर चर्चा की ।
 उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ हाईकोर्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता रमन शाह ने कहा कि यह सम्मेलन गैर राजनीतिक है । जिसमे सभी दलों से जुड़े आंदोलनकारी है । उनका मकसद राज्य आंदोलन से जुड़े मुकदमों की विभिन्न न्यायालयों में सशक्त पैरवी किये जाने की है । वे इस लड़ाई को लंबे समय से लड़ रहे हैं । जिसे सभी राज्य आंदोलनकारियों व उत्तराखंड की जनभावनाओं से जुड़े लोगों के सहयोग से जीता जाएगा ।
   हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, सैय्यद नदीम मून, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव वीरेंद्र रावत, अधिवक्ता डी के जोशी, रविन्द्र बिष्ट, विपुल पैन्यूली ने एक स्वर में कहा कि अदालतों में चल रहे राज्य आंदोलन से जुड़े मुकदमों आ रहे खर्च को हाईकोर्ट बार व अधिवक्ताओं के सहयोग से पूरा किया जाएगा ।
  सम्मेलन को अल्मोड़ा की कमला जोशी,देहरादून के प्रदीप कुकरेती,अधिवक्ता अभिषेक सती,उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच देहरादून के अध्यक्ष जगमोहन नेगी, राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा कोटद्वार के अध्यक्ष महेंद्र रावत,संजय कश्यप,कपिल चौहान, भूपेंद्र रावत, नैनीताल की राज्य आंदोलनकारी लीला बिष्ट, पान सिंह सिजवाली आदि ने भी सम्बोधित किया ।  वक्ताओं ने गैरसैण राजधानी न बन पाने व राज्य गठन के बाद पहाड़ से पलायन की गति में कई गुना वृद्धि होने के लिये अब तक की सरकारों की विफलता बताया गया ।

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