देवीधुरा । बाराही देवी मंदिर में गुरुवार को करीब 10 क्विंटल से अधिक फल,फूलों व पत्थरों से बग्वाल खेली गई । इस बग्वाल को देखने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी,पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल सहित कई जनप्रतिनिधि पहुंचे थे । भीमताल के विधायक रामसिंह कैड़ा बग्वाल खेलने वाले वीरों में शामिल थे ।
लोक मान्यता के अनुसार किसी समय देवीधूरा के सघन वन में 52000 वीर और 64 योगिनियों के आतंक से देवी माँ ने मुक्ति दिलाकर स्थानीय जन से प्रतिफल के रूप में नरबलि की मांग की । जिसके लिए यह निश्चित किया गया कि पत्थरों की मार से एक व्यक्ति के खून के बराबर निकले रक्त से देवी को तृप्त किया जाएगा। पत्थरों की मार प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा को आयोजित की जाएगी। इस प्रथा को आज भी निभाया जाता है। परंतु अब पत्थरों के बजाय यह प्रथा फल और फूलों से निभाई जाती है। लोक विश्वास है कि इस क्रम से मेहर और फर्त्याल जाति के लोगों द्वारा चंद्र शासन तक यहां श्रावणी पूर्णिमा को प्रतिवर्ष नरबलि दी जाती थी।
इतिहासकारों का मानना है कि महाभारत काल में पर्वतीय क्षेत्र में वास कर रही एक ऐसी जाति का उल्लेख है जो अश्म युद्ध में प्रवीण थी और जिसने महाभारत युद्ध में पांडवों की ओर से भाग लिया था । इस स्थिति के अनुसार पत्थरों से युद्ध की परंपरा का समय बहुत प्राचीन समझा जा सकता है।कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह परंपरा आठवीं नवीं शताब्दी ईस्वी से है। जो आज भी बदस्तूर जारी है ।
आज बग्वाल दोपहर बाद 2:14 बजे से शुरू हुई और 2:21 बजे खत्म हुई। बग्वाल कुल सात मिनट चली।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजार्चना कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने । इससे पूर्व देवीधुरा आगमन पर मुख्यमंत्री द्वारा मेला स्थल में लगाए गए विभिन्न विभागों के सरकारी स्टालों का निरीक्षण कर अधिकारियों से आवश्यक जानकारी लेते हुए कहा कि प्रत्येक जनमानस तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे इस क्षेत्र में अधिकारी तत्परता से कार्य करें।
इससे पूर्व मां बाराही धाम देवीधुरा खोलीखांड डुवाचौड़ मैदान पर सुबह प्रधान पुजारी द्वारा पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद सबसे पहले सफेद पगड़ी में वालिक खाम ने मंदिर में प्रवेश किया। उसके बाद 1:08 मिनट में गुलाबी पगड़ी पहने चम्याल खाम, 1:36 मिनट पर गहड़वाल खाम व सबसे आखरी में पीली पगड़ी पहने लमगड़िया खाम ने प्रवेश किया।
सभी खामों के प्रवेश के बाद प्रधान पुजारी द्वारा मंदिर से शंखनाद किया गया जिसके बाद 2:14 मिनट पर बग्वाल शुरू हुई। बग्वाल शुरू होते ही माँ के जयकारों से पूरा खोलीखाण दुवाचौड़ मैदान के साथ पूरा मंदिर गुंजियमान हो गया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी द्वारा भी मां बाराही के दर्शन कर सभी की खुशहाली की कामना की तथा जनता को संबोधित किया। जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल मेहरा, ब्लॉक प्रमुख सुमनता, पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, बाराही मंदिर समिति संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष खीम सिंह लमगड़िया , हयात सिंह मेहरा, मोहन सिंघवाल, रोशन लमगड़िया, राजेन्द्र बिष्ट,उदित लमगड़िया गिरीश सिंघवाल, ईश्वर सिंह बिष्ट, प्रकाश मेहरा, चेतन चम्याल, गौरव सिंघवाल, अमित लमगड़िया, गोगुल कोहली, नवीन मेलकानी तथा प्रशासन से जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधिक्षक देवेन्द्र पींचा, सीडीओ आरएस रावत, एडीएम हेमंत वर्मा, एसडीएम सौरभ असवाल सहित जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित रही।
लेखक–: पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल।