नैनीताल । ईंटार्क मजदूर संगठन पंतनगर व किंच्छा के कर्मचारियों ने गुरुवार को नैनीताल में जुलूस प्रदर्शन कर कुमाऊं आयुक्त को ज्ञापन सौंपा । यह ज्ञापन अपर आयुक्त को दिया गया ।
बताया गया है कि ईंटार्क मजदूर यूनियन, ईंटार्क कम्पनी प्रबंधन की उधमसिंह नगर जिला प्रशासन की मध्यस्थता में 15 दिसम्बर 2022 को संपन्न हुए त्रिपक्षीय समझौता हुआ था । इसी समझौते को लागू कराने की मांग को लेकर इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा एवं उधमसिंह नगर के बैनर तले इन्टरार्क कंपनी सिडकुल पंतनगर व किच्छा के मजदूर,उनके परिवार की महिलाऐं ,सिडकुल श्रमिक संयुक्त मोर्चा से जुड़ी यूनियनों व सामाजिक संगठनों के साथी बड़ी संख्या में आज दोपहर में तल्लीताल डाँठ में पहुंचे और वहां से जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कुमाऊं कमिश्नरी पहुंचे जहां जोरदार प्रदर्शन किया ।
इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2022 में इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा में कार्यरत मजदूरों का आंदोलन हुआ था। जिस दौरान रुद्रपुर व किच्छा शहर में कई मजदूर-किसान महापंचायत किये गए। जिनमें किसान आंदोलन के चर्चित नेता राकेश टिकैत ,नरेश टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी आदि ने भी शिरकत की थी।
बाल सत्याग्रह के तहत मजदूरों के परिवारों के बच्चों ने कुमाऊं कमिश्नरी नैनीताल पर यादगार प्रदर्शन कर कुमाऊं आयुक्त को ज्ञापन भी प्रेषित किया था। कुमाऊँ आयुक्त के दखल करने के पश्चात तत्कालीन जिलाधिकारी उधमसिंह नगर उक्त मसले के समाधान हेतु अपर जिलाधिकारी उधमसिंह नगर जयभारत सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया था और उक्त जिला स्तरीय कमेटी की मध्यस्थता में इन्टरार्क कंपनी प्रबंधन एवं श्रमिक प्रतिनिधियों के मध्य त्रिपक्षीय समझौता 15 दिसम्बर संपन्न हुआ था। वक्ताओं ने कहा कि उक्त समझौते के बिन्दू में उधमसिंह नगर जिले के सबसे बड़े श्रम अधिकारी सहायक श्रमायुक्त की हैंडराइटिंग में साफ -साफ लिखा है कि आंदोलन के दौरान निलंबित किये गए सभी 64 मजदूरों की कार्यबहाली की जाएगी और उनमें से 34 जिन 34 मजदूरों की घरेलू जांच की जाएगी, उन्हें जांच के दौरान एवं जांच के पश्चात नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जायेगा। किन्तु इन्टरार्क कंपनी मालिक द्वारा उक्त 34 मजदूरों में से अब तक 11 मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर उक्त समझौते का उल्लंघन किया है। पीड़ित मजदूरों द्वारा इसकी शिकायत कई बार जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी उधमसिंह नगर और श्रम अधिकारियों से की । जिला प्रशासन के द्वारा कराए गए उक्त संमझौते को लागू कराने को सैंकड़ों मजदूरों द्वारा अपने परिवार की महिलाओं -बच्चों ने जिलाधिकारी आवास तक पदयात्रा भी निकाली गई। किन्तु इसके पश्चात भी कोई कार्यवाही न की गई। वक्ताओं ने सवाल उठाए कि अपने ही द्वारा कराए उक्त समझौते को जिला प्रशासन आखिर क्यों लागू नहीं करा रहा है और इस कंपनी के समक्ष जिला प्रशासन ने क्यों आत्मसर्मपण कर दिया है?
सभा के बाद पश्चात कुमाऊँ आयुक्त नैनीताल को ज्ञापन सौंपा गया और जिला प्रशासन द्वारा कराए गए उक्त समझौते को लागू कराकर 11 बर्खास्त मजदूरों सहित सभी 32 मजदूरों को समझौते के तहत सवैतनिक कार्यबहाली की मांग की गई। साथ ही उन्हें समझौते के तहत वेतन वृद्धि का पूर्ण लाभ प्रदान करने को कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसके पश्चात भी न्याय न मिला तो मजदूर इस मुद्दे को जनसुनवाई के लिए जनता के बीच ले जाएंगे और 7 अक्टूबर को कुमाऊँ आयुक्त के समक्ष जनता दरबार में सुनवाई की जायेगी ठीक उसी समय महिलाओं के नेतृत्व में इन्टरार्क मजदूर संगठन के बैनर तले हल्द्वानी के तिकोनिया स्थित बुद्धपार्क में जन न्याय दरबार लगाकर उक्त समझौते के उल्लंघन एवं उस पर प्रशासन के उक्त अनैतिक रुख पर जनसुनवाई करते हुए अंतिम निर्णय लेंगे।
सभा को इन्टरार्क मजदूर संगठन उधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह, महामंत्री सौरभ कुमार ,इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के अध्यक्ष हृदयेश कुमार और महामंत्री पान मोहम्मद ,इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश चन्द्र , मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान के सुरेंद्र रावत, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेश, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की रजनी जोशी आदि ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम में विशाल कुमार, रविंद्र सिंह,राजेश शर्मा, वासुदेव सिंह, भूपेंद्र सिंह विरेन्द्र कुमार सत्यपाल साहू ज्योत्सना साहू सहित सैकड़ों महिलाएं एवं मजदूर लोग शामिल थे ।